WHY CHANGE IS IMPORTANT IN LIFE IN HINDI | जीवन में बदलाव क्यों जरुरी ?

ब्रह्मांड में परिवर्तन ही स्थिर हैं अन्यथा सब अस्थिर ही हैं!!
हम एक बच्चे के तौर पर जन्म लेते है और अनेक परिवर्तनों से गुजरते हुए अपना जीवन पूर्ण कर समाप्त हो जाते है, ऐसे ही सभी प्राणी अपनी अवस्था मे होने वाले परिवर्तन के साथ जीते हैं और उसी परिवर्तन को लेकर संसार को अलविदा भी कह जाते हैं। प्रत्येक सजीव और निर्जीव वस्तु में समय के साथ कुछ न कुछ परिवर्तन अवश्य होते ही रहते हैं । जैसे किसी निर्जीव वस्तु की स्थिति में परिवर्तन समय के साथ आ ही जाता है उदाहरण के लिए कोई वाहन सालों चलने के बाद पहले जैसा नही रहता। किसी वस्तु का रंग खराब हो जाता है तो पहाड़ों की ऊँचाई या अन्य स्थिति में भी परिवर्तन आ ही जाता हैं चाहे वो परिवर्तन अत्यंत कम मात्रा में ही क्यों न हो। WHY CHANGE IS IMPORTANT IN LIFE IN HINDI | BENIFITS OF CHANGE | जीवन में बदलाव क्यों जरुरी ? इस लेख में बदलाव से सम्बंधित पूर्ण चर्चा की गयी हैं।

WHY CHANGE IS IMPORTANT IN LIFE IN HINDI

पहले इंसान ने जंगलो में रहना शुरू किया और एक बदलाव की प्रक्रिया से होते हुए आज आधुनिक मानव की श्रेणी को प्राप्त कर पाए हैं। ये सब संभव हुआ एक बदलाव के कारण। ऐसे ही पहले लकड़ी से रोशनी या आग प्राप्त करते हुए, फ़िर दीपक से प्राप्त करते हुए , फिर लालटेन से , फिर  बल्ब तक का सफर तय किया हैं।  ये भी संभव हुआ एक बदलाव के कारण।

ब्रम्हांड की उत्पत्ति की प्रक्रिया भी अनेक अवस्थाओं में परिवर्तन की साक्षी बनी हैं , जो आज हम पृथ्वी की स्थिति देख पा रहे हैं वो भी करोड़ों वर्ष पहले ऐसी नही रही होगी । यहाँ तक एक कहावत कही जाती है कि पहाड़ो की तरह अडिग रहना चाहिए , अगर सूक्ष्मता से देखा जाए तो पहाड़ो की स्तिथि ( ऊंचाई में परिवर्तन , कटाव आदि के कारण ) में भी समय के साथ परिवर्तन होते ही रहे हैं।

जैसे कुछ दार्शनिक बदलाव को लेकर कुछ इस प्रकार समझाते हैं कि मानलों कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान कर रहा हैं। वो जितनी बार भी स्नान करने हेतु पानी के अंदर जाएगा प्रत्येक बार एक परिवर्तन अवश्य होगा ; वो होगा पानी में परिवर्तन। जैसे पहली बार वो अंदर गया तो उस समय जो पानी वहाँ मौजूद था वो पानी अगली बार वहाँ से आगे जा चूका होगा।

इसी प्रकार इंसान के शरीर में भी प्रत्येक सेकंड में अनेक कोशिकाओं में परिवर्तन हो रहा होता हैं। अगर सूक्ष्मता से विश्लेषण करे तो हमारा शरीर भी अगले सेकंड वह नहीं रहेगा जो अभी हैं।

इन सबमें जो एक तथ्य स्थिर दिखाई पड़ता हैं वह हैं – परिवर्तन, जो कि एक सार्वभौमिक सत्य हैं। इस ब्रह्मांड में कुछ हो या न हो परंतु बदलाव ही सबसे ज्यादा स्थिर दिखाई पड़ता हैं क्योंकि तुम चाहो या न चाहो ये होकर रहेगा। जो कल वर्तमान था वो आज भूतकाल हो चुका हैं और जो भविष्य है वो भी एक दिन वर्तमान होगा और फिर देखते ही देखते भूतकाल बन जाएगा । 
इसलिए परिवर्तन को स्वीकार करें ओर खुद में परिवर्तन करने के लिए हर पल तत्पर रहे और सकारात्मक परिवर्तन से समाज को भी कुछ सकारात्मक प्रदान करें। क्योंकि आपके चाहने या न चाहने से परिवर्तन की प्रक्रिया रुकने वाली नहीं हैं।

BENEFITS OF CHANGE | जीवन में बदलाव के लाभ –

1. ज़िन्दगी में बदलाव , भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सहायक

आज प्रतिस्पर्धा का दौर हैं। जहाँ किसी एक पद पर लाखों लोग अपना दावा करते हैं। उनमें जीतेगा वही जो उन सब मे सबसे क़ाबिल होगा। आज नाक़ाबिल में से क़ाबिल को चुनने की दौड़ नहीं हैं। बल्कि क़ाबिल व्यक्तियों में से सबसे क़ाबिल व्यक्ति को चुनने के लिए दौड़ है।


अगर हम खुद का विकास इस प्रकार नहीं करेंगे कि हम किसी भी तरह के बदलाव में खुद को फिट बैठा पाए । तो भविष्य में ये हमारे लिए बहुत ज्यादा नुकसान देने वाला हो सकता हैं।

आज दुनिया बहुत तेज भाग रही हैं। तकनीक की बात हो या किसी अन्य क्षेत्र की बात , सभी क्षेत्रों में इतनी तेजी से बदलाव हो रहे है कि अगर हममें बदलाव के अनुसार चलने की योग्यता नहीं होगी तो शायद हम पीछे ही छूट जाएंगे।

2. बदलाव से रचनात्मकता का विकास

जिस व्यक्ति की मनःस्थिति जितनी अधिक रचनात्मक होगी वो बदलाव को भी उतनी ही जल्दी स्वीकार कर पाएगा। बदलाव और रचनात्मक मनःस्थिति एक दूसरे से जुड़ी हुईं ही होते हैं। जैसे कहे कि हम अपने जीवन मे जितना अधिक बदलाव लाने का प्रयास करेंगे । हमारी रचनात्मकता भी उतनी ही अधिक बढ़ती चली जाएगी।

रचनात्मकता से हमे अपने कार्यक्षेत्र में अनेक लाभ प्राप्त होते है। चाहे कोई समस्या कार्यक्षेत्र से सम्बंधित हो या प्रतिदिन के जीवन से सम्बंधित , रचनात्मकता से हम समस्याओ का समाधान सही तरीके से ढूंढ पाते है।

3. खुद में बदलाव से ही समाज मे भी बदलाव संभव-

अनेक व्यक्ति समाज में होने वाली अनेक रूढ़िवादी मान्यताओं के खिलाफ रहते हैं। जो समाज मे परिवर्तन के लिए अत्यंत आवश्यक भी हैं। उन्ही में से कुछ व्यक्ति समाज मे तो बदलाव चाहते है परंतु वो अपनी सोच में परिवर्तन या बदलाव लाने का थोड़ा सा भी प्रयास नहीं करते हैं।

जब हम खुद की सोच या अपने जीवन मे बदलाव लाने का प्रयास करेंगे तो ये प्रयास हमारा व्यक्तिगत में तो नज़र आता ही हैं। साथ में ही ये बदलाव किसी न किसी स्तर पर समाज मे बदलाव लाने के लिए भी सहायक होता हैं।

आप के बदलाव के प्रयास से या आप मे हुए परिवर्तन से कोई न कोई ऐसा व्यक्ति अवश्य होगा जो गहरे तौर पर आपके संपर्क में होगा। इससे उसमे भी कुछ न कुछ बदलाव जरूर आएगा। अगर आपमें 50 % बदलाव आया है तो 20 से 25 % बदलाव उसमे भी आएगा ही। ऐसे ही एक परिवर्तन की लहर का विकास होता है। और जो आगे बढ़ती जाती हैं।
अतः जीवन मे छोटे छोटे बदलाव समय के अनुसार अवश्य लाने चाहिए।

4.  अगली पीढ़ी से सामंजस्य लाने में सहायक

पीढ़ी अंतराल एक सार्वभौमिक सत्य हैं। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के विचारों में अंतर आता ही हैं। ये इतनी तेजी से बदलते सामाजिक परिवर्तन के कारण भी होता हैं। और ऐसा होना आवश्यक भी हैं। क्योंकि अगर पीढ़ी दर पीढ़ी सोच में बदलाव आएगा तभी जो पहले रूढ़िवादी परम्पराएं समाज मे व्याप्त थी उन्हें तोड़ने में सहायता मिलेगी।

इसलिए अगले पीढ़ी या कहे कि भविष्य में सामंजस्य लाने के लिए भी बदलाव जरूरी होता हैं।

अतः जीवन मे बदलाव हर मायने में महत्वपूर्ण हैं। जीवन मे बदलाव लाने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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