राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण | National Disaster Management Authority | NDMA UPSC Notes In Hindi
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण | National Disaster Management Authority | NDMA UPSC Notes In Hindi
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( NDMC UPSC Notes In Hindi ) का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत 2006 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में किया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिए सर्वोच्च वैधानिक निकाय है।
- संस्थान में अध्यक्ष से अलग नौ अन्य सदस्य होंगे और इन्हीं सदस्यों में से एक सदस्य को उपाध्यक्ष का पद दिया जाता है।
- प्राधिकरण ही आपदा प्रबंधन हेतु समय पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और दिशा निर्देशों को निर्धारित करने की जिम्मेदारी निभाता है।
कार्य तथा उत्तरदायित्व
- राष्ट्रीय योजना के अनुसार केंद्र सरकार के विभागों और मंत्रालयों द्वारा बनाए जाने वाली आपदा प्रबंधन योजना को मंजूरी प्रदान करना।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा निर्धारित व्यापक नीतियों और दिशा निर्देशों के ढांचे के अंदर ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान काम करता है।
- संकट पूर्ण आपदा की स्थिति में बचाव और राहत के लिए सामग्रियों की आपातकालीन खरीद को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास संबंधित विभागों या प्राधिकारी को अधिकृत करने की शक्ति है।
- आपदा प्रबंधन हेतु नीतियां तैयार करता है।
- राज्य योजना तैयार करने में सहायता प्रदान करता है । इसके लिए संस्थान दिशा निर्देश तैयार करता है, जिसका अनुसरण राज्यों के प्राधिकारी योजना तैयार करने में करते हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण { National Disaster Management Authority | NDMA UPSC Notes In Hindi } के समक्ष कमियां और चुनौतियां
- 2013 में उत्तराखंड बाढ़ के दौरान संस्थान की भूमिका पर तब सवाल खड़े किए गए थे, जब यह अचानक से आई भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदा के विषय में समय पर सूचित करने में विफल रहा था।
- उस समय संस्थान द्वारा बाढ़ तथा भूस्खलन शमन के लिए चलाई गई योजनाओं को अनेक विशेषज्ञों ने अधूरी और खराब परियोजना बताकर इसको दोषी ठहराया था।
- कैग की एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रमों के तहत चलाए जाने वाली परियोजनाओं को पूरा करने में देरी हुई तथा यह भी आरोप लगाया गया है कि परियोजनाओं को एकीकृत रूप से पूरा नहीं किया गया।
- कैग की रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि असम, उत्तर बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की बाढ़ की समस्याओं के समाधान से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने में देरी हुई थी। जिसमें नदी प्रबंधन गतिविधियां और सीमावर्ती क्षेत्रों की परियोजनाओं से संबंधित कार्य शामिल थे।
- कैग की एक रिपोर्ट में वर्ष 2015 की चेन्नई की बाढ़ को मानव निर्मित आपदा घोषित किया तथा इसके द्वारा किए गए विनाश के लिए तमिलनाडु सरकार को उत्तरदायी ठहराया था।
- एनडीआरएफ के पास संकट की स्थितियों से उत्तम तरीके से निपटने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण, सुविधाएं, उपकरण और आवासों का अभाव है।
- ऑडिट में निधियों के दुरुपयोग का मुद्दा भी सामने आया है।
- लेखा परीक्षणों से यह ज्ञात होता है कि जिन निधियों को आपदा प्रबंधन के लिए स्वीकृत नहीं किया गया था। कुछ राज्यों द्वारा व्ययों हेतु उन निधियों का भी दुरुपयोग किया गया है।
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति
- आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 8 के तहत इस समिति का गठन किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उसके कार्यों के निष्पादन में सहायता प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है।
- केंद्रीय गृह सचिव राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के पदेन अध्यक्ष होते है।
उत्तरदायित्व
- राष्ट्रीय नीति का कार्यान्वयन करना ।
- राष्ट्रीय योजना बनाना ।
- आपदा प्रबंधन के लिए निगरानी निकाय और समन्वय कार्य निकाय के रूप में कार्य करना।
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