हिंदी साहित्य विगत वर्षों के प्रश्न पत्र :- स्कन्दगुप्त’ नाटक  | Hindi Literature PYQ Mains UPSC | Hindi Literature UPSC PYQ SKANDGUPTA

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1. ‘स्कन्दगुप्त’ के आधार पर प्रसाद की इतिहास-दृष्टि का विवेचन करते हुए उनकी नाट्य-कला की विशिष्टताओं का विश्लेषण कीजिये।

-2004

2. क्या इतिहास और कल्पना के सुन्दर योग को प्रसाद की नाट्यकलागत विशेषताओं में सर्वोपरि विशेषता माना जा सकता है? ‘स्कन्दगुप्त’ के संदर्भ में तर्कसम्मत विवेचन कीजिये।

-2006

3. ‘स्कन्दगुप्त’ में अभिव्यक्त राष्ट्रीय भावना पर तत्कालीन स्वाधीनता आंदोलन के प्रभावों का आकलन कीजिये।

4. प्रेक्षकों पर सम्प्रेषणगत प्रभाव की दृष्टि से जयशंकर प्रसाद और मोहन राकेश के नाटकों का तुलनात्मक विवेचन कीजिये। 2010

5. क्या ‘स्कन्दगुप्त’ नाटक में कल्पना और इतिहास के समन्वय से नाटक के संप्रेषणगत सौंदर्य में वृद्धि हुई है? तर्कयुक्त उत्तर दीजिये। 2014

6. ‘स्कन्दगुप्त’ नाटक प्रसाद के जीवन मूल्यों का कौन-कौन संदर्भ उद्घाटित करता है? -2015

7. ‘जयशंकर प्रसाद के नाटकों के स्त्री-पात्र सदैव श्रेष्ठ रहे हैं।’ इस कथन के आलोक में ‘स्कंदगुप्त’ में स्त्री-पात्र-परिकल्पना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। -2016

8. ‘स्कंदगुप्त’ नाटक की प्रमुख समस्या राष्ट्रीय सुरक्षा की समस्या है। प्रसाद की नाट्य-दृष्टि के संदर्भ में इस कथन की समीक्षा कीजिये। -2017 9. “गुप्त-कालीन प्रामाणिक इतिहास का अनुलेखन एवं कल्पनाधारित वस्तु-संयोजन ‘स्कंदगुप्त’ में परिलक्षित होते हैं।” इस कथन की सप्रमाण संपुष्टि कीजिये।

-2018

9. “प्रसाद के नाटक भारत के इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं।’ ‘स्कंदगुप्त नाटक के संदर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए । 2020

10. प्रसाद जी के नाटक न सुखान्त है न दुखांत, बल्कि वे प्रसादान्त हैं। इस कथन पर अपनी सहमति – असहमति व्यक्त कीजिए।  2021

 

 

 

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