मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना | Mukhyamantri Vatsalya Yojana

 

Mukhyamantri Vatsalya Yojana

कोरोना महामारी के कारण देशभर में कई नागरिकों की मृत्यु हुई है। देश में कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता पिता को खो दिया है। उत्तराखंड के ऐसे सभी बच्चों के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना (Mukhyamantri Vatsalya Yojana) आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से सभी बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना (Mukhyamantri Vatsalya Yojana) क्या है ?

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना प्रदेश के उन बच्चों के लिए आरंभ की गई है जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इस योजना के माध्यम से ऐसे सभी बच्चों को ₹3000 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता भरण-पोषण भत्ता के रूप में प्रदान की जाएगी।

यह आर्थिक सहायता बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी। जिससे कि वह अपना भरण पोषण कर सकें और आत्मनिर्भर बन सके। यह आर्थिक सहायता सभी पात्र बच्चों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।

इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी प्रदान किया जाएगा जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इसके अलावा वह बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु किसी अन्य वजह से पूर्व में हुई हो और अब दूसरे की मृत्यु कोरोना वायरस के कारण हुई हो उन बच्चों को भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

Mukhyamantri Vatsalya Yojana के माध्यम से सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चे आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित ना रहे। इसमें बच्चे के अभिभावक का सम्पूर्ण दायित्व जिले का मुखिया अर्थात जिलाधिकारी का होगा।

 

 मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का उद्देश्य

 

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उन बच्चों के लिए हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना वायरस महामारी में खो दिया है। उत्तराखंड सरकार के अनुसार जो बच्चे बालिग हैं उनके लिए सरकारी नौकरी में 5% आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है ताकि उन्हें बेरोजगारी की समस्या से छुटकारा मिल सके और उनकी पैतृक संपत्ति की देखभाल भी सरकार द्वारा की जाएगी ताकि नाबालिग बच्चों की पैतृक संपत्ति पर कोई कब्जा न कर सके। उत्तराखंड सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि अनाथ बच्चों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनके संपत्ति पर कोई कब्जा न कर सके, इसलिए बालिग होने तक उनकी पैतृक सम्पति की रक्षा और अभिभावक का दायित्व जिले के मुखिया अर्थात जिलाधिकारी का रहेगा।

Mukhyamantri Vatsalya Yojana के माध्यम से बच्चों को आर्थिक सहायता के अलावा राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

 

Mukhyamantri Vatsalya Yojana  के लाभ तथा विशेषताएं

 

इस योजना के अंतर्गत बच्चे की पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार बच्चे के वयस्क होने तक किसी को भी नहीं दिया जाएगा। इस बात की जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिला अधिकारी को दी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत बच्चों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की पात्रता:-

(1). आवेदक उत्तराखंड का स्थाई निवासी होना चाहिए।
(2). उम्मीदवार का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
(3). आवेदक के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हुई हो।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2021 के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज:-

(1). आधार कार्ड
(2). बैंक खाता विवरण
(3). राशन कार्ड
(4). जन्म प्रमाण पत्र
(6). पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
(7). माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र

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