शून्यकाल ( जीरो ऑवर, Zero Hour ) :- राज्यों की कैबिनेट मीटिंग में भी होगा शामिल ?

जीरो ऑवर Zero Hour

अब तक आपने जीरो ऑवर की  अवधारणा केवल संसद की कार्यवाही में ही सुनी होगी। परंतु अब ये अवधारणा राज्य सरकारों की कैबिनेट मीटिंग में भी शुरू की जा रही है। असम के नवगठित सरकार के मुख्यमंत्री श्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने इसकी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यो की कैबिनेट मीटिंग में जीरो ऑवर की अवधारणा शुरू करने के लिए कहा है।

प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में जीरो ऑवर या शून्यकाल (Zero Hour)

कहा जा रहा है कि शून्यकाल (जीरो ऑवर, Zero Hour) में कैबिनेट , सरकार की आलोचनाओं को सुनेगी। जिस प्रकार की आलोचना प्रदेश में की जा रही होगी उन पर विचार करेगी।
इसके लिए सरकार के विधायक इससे संबंधित जानकारी  अपने किसी मंत्री को दे देंगे। और वो मंत्री उनको कैबिनेट मीटिंग में रखेंग।

कहा जा रहा है कि राज्य सरकारों को ओर अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने के लिए इस अवधारणा को अपनाया जा रहा हैं। सरकार में सुशासन लाने के लिए शून्यकाल (Zero Hour) को अपनाया जाएगा।

असम के मुख्यमंत्री के अनुसार ये अवधारणा गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो वहाँ अपनायी गयी थी।

भारतीय संसद में शून्यकाल (Zero Hour) क्या होता है

शून्यकाल की शुरुआत भारत मे ही हुई । शून्यकाल (Zero Hour) का उल्लेख संसद की कार्यवाही की प्रक्रिया में मौजूद नहीं हैं। कहा तो ये भी जाता है कि ये नाम अखबारों ने दिया था।
वैसे इसकी शुरुआत तब हुई जब सांसदों द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र और देश के मुद्दे उठाने की जरूरत महसूस की गई । शून्यकाल का विचार संसद के पहले दशक में ही आ गया था।

शुरुआती दिनों में जब संसद में एक  बजे लंच ब्रेक का प्रावधान था । तब सांसद 12 बजे राष्ट्रीय मुद्दे उठाते थे। जो एक  घंटे तक चलता था। ये मुद्दे बिना किसी पूर्व नोटिस के ही उठाएं जाते थे। धीरे धीरे इसे ओर प्रभावी बनाने हेतु दोनों सदन के पीठासीन अधिकारी इसकी कार्यवाही को भी प्रसारित करने के निर्देश देने लगे।
धीरे धीरे ये समय जीरो ऑवर के नाम से उल्लेखित होने लगा।

छठी लोकसभा में सांसदों ने सवाल पूछने शुरू किए। तो ऐसे ही अन्य सदस्य भी सवाल पूछने लगे। सातवीं और आठवीं लोकसभा में शून्यकाल १५ मिनट के आस पास तक ही चलता था। नौवीं लोकसभा के अध्यक्ष रवि राय ने इसे न्याय संगत बनाने का फैसला लिया था।  कभी कभी शून्यकाल (जीरो ऑवर, Zero Hour)एक से दो घंटे तक भी चल जाता है।

17 वी लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 4 घण्टे 48 मिनट तक जीरो ऑवर चलाकर रिकॉर्ड बना दिया था।

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