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1. Physics and its related terms – Types of physics, force, field, God Particles (Higgs boson)/भौतिक विज्ञान और सम्बंधित शब्दावली

Physics and its related terms – Types of physics, force, field, God Particles (Higgs boson)/भौतिक विज्ञान और सम्बंधित शब्दावली 

 

Physics and its related terms 

विज्ञान और प्रोधोगिकी एक विस्तृत क्षेत्र रखने वाला विषय हैं। भौतिकी या भौतिक विज्ञान (PHYSICS) भी विज्ञान की एक शाखा है। भौतिकी का अध्ययन क्षेत्र अत्यंत विस्तृत हैं।

Physics and related terms – types of physics force , field , God Particles( Higgs boson )/ भौतिक विज्ञान और सम्बंधित शब्दावली नामक लेख में भौतिक विज्ञान से सम्बंधित अनेक प्रश्नो के उत्तर सरल भाषा में पढ़ेंगे व समझेंगे। इस लेख में भौतिक विज्ञान से सम्बंधित निम्न प्रश्नो को शामिल किया गया हैं -:

भौतिकी की परिभाषा / Definition of Physics

भौतिकी के प्रकार / Types of Physics

बल क्या है? / What is Force

मौलिक बल क्या है / What is Fundamental Force

फील्ड(क्षेत्र) क्या है ?/ What is field ?

 गॉड पार्टिकल (हिग्स बोसोन) क्या है ?

मौलिक कणों को द्रव्यमान  कहां से मिलता है ? Where do fundamental particles get their mass ?

 

भौतिकी (PHYSICS) :-

भौतिकी, पदार्थ और ऊर्जा की प्रकृति और गुणों से संबंधित विज्ञान की शाखा हैं। भौतिकी विषय में यांत्रिकी, ऊष्मा, प्रकाश और अन्य विकिरण, ध्वनि,  चुंबकत्व और परमाणुओं की संरचना शामिल हैं।

भौतिकी के प्रकार(Type of Physics):-

भौतिकी की दो मुख्य शाखाएँ हैं

१. क्लासिकल भौतिकी (Classical physics)

2. आधुनिक भौतिकी (Modern physics)

 

क्लासिकल भौतिकी (Classical physics) :-

क्लासिकल भौतिकी, उस भौतिकी को संदर्भित करती है जिसमें क्वांटम यांत्रिकी या सापेक्षता का सिद्धांत शामिल नहीं है। यह भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है जो गति, ऊर्जा और बल जैसी चीजों से संबंधित है।

 

आधुनिक भौतिकी( Modern physics) :-

आधुनिक भौतिकी, भौतिकी की वह शाखा है जो भौतिकी की दुनिया में न्यूटन के बाद की अवधारणाओं से संबंधित है। यह बीसवीं शताब्दी की दो प्रमुख सफलताओं पर आधारित है: सापेक्षता और क्वांटम यांत्रिकी

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बल क्या है ? What is force ?

 

बल एक बाहरी एजेंट है जो किसी विशेष body के आराम या गति की स्थिति को बदलने में सक्षम है। इसकी एक परिमाण और एक दिशा होती है।

 

मौलिक बल क्या है? What is fundamental force ?

मौलिक बल (fundamental force), जिसे मौलिक अंतःक्रिया भी कहा जाता है, भौतिकी में मौलिक बल हैं –  जो यह नियंत्रित करते हैं कि वस्तुएं या कण कैसे परस्पर क्रिया करते हैं और कुछ कण क्षय कैसे होते हैं। प्रकृति की सभी ज्ञात शक्तियों का पता इन मूलभूत बल की मदद से लगाया जा सकता है।

मौलिक बल का प्रकार Type of fundamental force ?

  1. गुरुत्वाकर्षण बल  (Gravitational force)physics1
  2. विद्युत चुम्बकीय बल ( Electromagnetic force)
  3. मजबूत परमाणु बल (strong nuclear force)
  4. कमजोर परमाणु बल (Weak nuclear force)

 

बल के उत्पन्न होने का कारण / cause of force generation 

बल के उत्पन्न होने का कारण , द्रव्यमान का होना है। संसार में जिस वस्तु के पास, द्रव्यमान(mass) है , वह  अपने आसपास की सभी वस्तुओं पर बल लगाती हैं। इस बल की तिव्रता उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है।

विभिन्न प्रकार के बल विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों पर निर्भर करते हैं| पहले हम क्षेत्र फिर उनके द्वारा बलों का अध्ययन करेगे|

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फील्ड(क्षेत्र) क्या है ? What is field ?

 

भौतिकी में, एक ऐसा क्षेत्र जिसमें प्रत्येक बिंदु एक बल से प्रभावित होता है, क्षेत्र (field) कहा जाता है| भिन्न प्रकार के क्षेत्र विभिन्न प्रकार के बलों के लिए उत्तरदायी होते हैं|

जो इस प्रकार हैं –

फ़ील्ड का प्रकार और उनके द्वारा उत्पन्न बल / The type of field and the force generated by them

 

1. गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र ­(gravitational field):-

गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (gravitational field)  गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force) के लिए जिम्मेदार है।  गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force)  सबसे कमजोर बल है। गुरुत्वाकर्षण, जिसे गुरुत्वाकर्षण बल भी कहा जाता है, यांत्रिकी में, सभी पदार्थों के बीच लगने वाला एक सार्वभौमिक बल है। प्रकृति में अब तक सभी ज्ञात बलों में गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force)  सबसे कमजोर बल  हैं।  गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का उपयोग गुरुत्वाकर्षण घटना को समझाने के लिए किया जाता हैं।

गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force) को  न्यूटन प्रति किलोग्राम (N/kg) में मापा जाता है|

 

2. चुंबकीय क्षेत्र ( Magnetic Field ):-

चुंबकीय क्षेत्र ( Magnetic Field ) चुंबकीय बल ( ( Magnetic Force  ) के लिए जिम्मेदार है। चुंबकीय बल ( Magnetic Force  ), आकर्षण या प्रतिकर्षण बल है, जो विद्युत आवेशित कणों के बीच उनकी गति के कारण उत्पन्न होता है। यह विद्युत मोटरों की क्रिया और लोहे के लिए चुंबक के आकर्षण जैसे प्रभावों के लिए जिम्मेदार मूल बल है।

 

3 . विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र ( Electromagnetic Field ) :-

विद्युत चुम्बकीय बल चार मूलभूत बलों में से एक है। विद्युत बल सभी आवेशित कणों के बीच कार्य करता है, चाहे वे गतिमान हों या नहीं। गतिमान आवेशित कणों के बीच चुंबकीय बल कार्य करता है| विद्युत चुम्बकीय बल गुरुत्वाकर्षण से कहीं अधिक मजबूत है|
विद्युत चुम्बकीय बल परमाणुओं के  बीच में रासायनिक बंधनों के लिए उत्तरदायी होते हैं | जो अणु बनाते हैं। विद्युत चुम्बकीय बल सभी रासायनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते है|

 

4 . हिग्स फील्ड (Higgs field) :-

हिग्स क्षेत्र (Higgs field) ऊर्जा का एक क्षेत्र है जिसके बारे में यह माना जाता है कि यह ब्रह्मांड के हर क्षेत्र में मौजूद है। हिग्स फील्ड मौलिक कणों को द्रव्यमान देता है- जैसे कि इलेक्ट्रॉन, क्वार्क, अन्य बिल्डिंग ब्लॉक जिन्हें छोटे भागों में नहीं तोड़ा जा सकता है|

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 द्रव्यमान क्या है? /  What is mass ?

द्रव्यमान किसी भौतिक पिंड का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है । किसी वस्तु के द्रव्यमान से हमें वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। द्रव्यमान का SI आधार मात्रक किलोग्राम है|

मौलिक कणों को द्रव्यमान  कहां से मिलता है ? Where do fundamental particles get their mass ?

हर चीज में भार गुरुत्व बल और द्रव्यमान की वजह से होता हैं।

द्रव्यमान कहां से आता हैं ?

आखिर ऐसे कौन से कण हैं जो अतिसूक्ष्म स्तर पर द्रव्यमान पैदा करते हैं ?

जब कोई पार्टिकल हिग्स फील्ड (Higgs field) से गुजरता है तो वह फील्ड से इंटरेक्ट करता है और द्रव्यमान प्रप्त करता है| जो पार्टिकल जितना हिग्स फील्ड (Higgs field) से इंटरेक्ट करता है उतना ही द्रव्यमान प्रप्त करता है, यही कारण है की इलेक्ट्रॉन, लैपटॉन, क्वार्क द्रव्यमान प्रप्त करते  है और  फोटोन द्रव्यमान रहित होता है क्योंकि फोटोन हिग्स फील्ड (Higgs field) से इंटरेक्ट नहीं करता| हिग्स फील्ड मौलिक कणों को द्रव्यमान देता है- जैसे कि इलेक्ट्रॉन, क्वार्क और अन्य बिल्डिंग ब्लॉक जिन्हें छोटे भागों में नहीं तोड़ा जा सकता हैं।

 

हिग्स फील्ड (Higgs field)

 

हिग्स सिद्धांत का प्रतिपादन 1960 के दशक में प्रोफेसर पीटर हिग्स ने किया था. इस सिद्धांत के अनुसार हर खाली जगह में एक फील्ड बना हुआ है,  जिसे हिग्स फील्ड कहते हैं |

बिगबैंग के बाद जब ब्रह्मांड ठंडा हुआ और तापमान एक निश्चित सीमा के नीचे गिरता चला गया तो एक  फील्ड पूरे ब्रह्मांड में बनती चली गई। उस फील्ड के अंदर बल था और उसे हिग्स फील्ड के नाम से जाना गया।

उन फील्ड्स के बीच कुछ कण थे, जिनको पीटर हिग्स  और भारत के महान वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस  के सम्मान में  हिग्स बोसोन (Higgs boson) के नाम से जाना जाता है| इसे ही गॉड पार्टिकल भी कहा जाता है

विज्ञान के क्षेत्र में हुई इस क्रांतिकारी खोज का एक बड़ा नाता भारत से जुड़ा है। हिग्स बोसोन पार्टिकल का नाम दो बड़े वैज्ञानिकों के नाम से मिलकर बना है। इसमें पहला नाम पीटर हिग्स का शामिल है। वहीं दूसरा नाम भारत के महान वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस का है।

गेज सिद्धांत के अनुसार, सभी बल-वाहक कण द्रव्यमान रहित होने चाहिए। लेकिन, कमजोर बल की मध्यस्थता करने वाले बल-कणों में भी द्रव्यमान होता है। यह हिग्स प्रभाव के कारण होता है। यह द्रव्यमान हिग्स क्षेत्र द्वारा स्वयं उत्पन्न नहीं होता है, यह हिग्स बोसोन के साथ हिग्स फील्ड इंटरैक्शन  से कणों द्वारा द्रव्यमान प्राप्त किया जाता है। हिग्स बोसॉन में ऊर्जा के रूप में सापेक्ष द्रव्यमान होता हैं।  यदि हिग्स क्षेत्र मौजूद नहीं होता, तो कणों में एक दूसरे को आकर्षित करने के लिए आवश्यक द्रव्यमान नहीं होता, और वे प्रकाश की गति से स्वतंत्र रूप से तैरते, और ब्रह्मांड का भौतिक रूप नहीं होता| इसके अलावा, गुरुत्वाकर्षण मौजूद नहीं होता|

 

 गॉड पार्टिकल (हिग्स बोसोन) क्या है?

 

वैज्ञानिक  ये साबित करने में जुटे थे कि कणों में भार क्यों होता हैं।  तब 2008 में लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर नामक परियोजना के शोधकर्ताओं ने कहा था कि उन्हें इस कण की मौजूदगी के संकेत मिले हैं।

अब वैज्ञानिकों की ये कोशिश होगी कि वे पता करें कि ब्रह्रांड की स्थापना कैसे हुई होगी।  हिग्स बोसोन (Higgs boson) के बारे में पता लगाना भौतिक विज्ञान की सबसे बड़ी पहेली में से माना जाता रहा है.

 

हिग्स बोसोन क्यों महत्वपूर्ण है ? Why Higgs boson particle is so important ?

लीवरपूल यूनिवर्सिटी में पार्टिकल फिजिक्स पढ़ाने वाली  सियर्स कहती हैं-

‘‘हिग्स बोसोन से कणों को भार मिलता है. यह सुनने में बिल्कुल सामान्य लगता है. लेकिन अगर कणों में भार नहीं होता तो फिर तारे नहीं बनते . आकाशगंगाएं  नहीं होंती और परमाणु भी नहीं होते. ब्रह्रांड कुछ और ही होता.’’

भार या द्रव्यमान वो चीज है जो कोई चीज़ अपने अंदर रख सकता हैं।  अगर कुछ नहीं होगा तो फिर किसी चीज़ के परमाणु उसके भीतर घूमते रहेंगे और जुड़ेंगे ही नहीं।  क्योंकि  जब कणों में भार आता है तो वो एक दूसरे से मिलते हैं।

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हिग्स क्षेत्र / हिग्स कणो का महत्त्व ? / Importance of Higgs Field / Higgs Particles 

हिग्स क्षेत्र को इस तथ्य के लिए जिम्मेदार माना गया था कि कुछ कण जिनका द्रव्यमान नहीं होना चाहिए।यह एक अर्थ में सार्वत्रिक माध्यम है जो द्रव्यमान रहित कणों को विभिन्न द्रव्यमानों में अलग करता है। यह ब्रह्मांड को उचित रूप देने में भी सहायक है। क्षेत्र से द्रव्यमान प्राप्त करने वाले कण का परिणाम प्रकाश की गति से यात्रा करने की उसकी क्षमता की रोकथाम है। नुकसानहिग्स क्षेत्र की उपस्थिति में हम प्रकाश की गति से यात्रा नहीं कर सकते हैं|

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