वैश्वीकरण : अर्थ, प्रभाव, लाभ , चुनौतियां | Globalisation – Defination , Importance , Impacts ,  Issues In Hindi | Globalisation UPSC In Hindi

What  Is Globalisation In Hindi | वैश्वीकरण किसे कहते हैं। Globalisation UPSC In Hindi

वैश्वीकरण वैश्विक समुदाय (सामाजिक और आर्थिक रूप से) के बढ़ते एकीकरण, परस्पर निर्भरता और अंतर्संबंध की घटना है। Globalisation UPSC In Hindi

भारत में वैश्वीकरण को प्रभावित करने वाले कारक

  1.       आर्थिक सुधार-

1991 में, भारत ने अर्थव्यवस्था को उदार बनाने हेतु आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला लागू की थी।  जिसका उद्देश्य, विदेशी निवेश के लिए रास्ता खोलना और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना था।  इन आर्थिक सुधारों ने  भारत को वैश्विकन अर्थव्यवस्था में एकीकृत करने और विदेशी कंपनियों को निवेश और संचालन के लिए आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  1.       सूचना प्रौद्योगिकी में उछाल:

भारत ने तकनीकी क्षेत्र में विशेष रूप से सॉफ्टवेयर विकास और आईटी सेवाओं के क्षेत्र में विशेष तरक्की की।  भारत के कुशल कार्यबल ने इसे आउटसोर्सिंग और ऑफशोरिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र बना दिया है।

3  . तकनीकी प्रगति:

विशेष रूप से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी की प्रगति ने भारत के वैश्वीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे सस्ते मोबाइल फोन तक पहुंच, व्यापक इंटरनेट पहुंच और डिजिटल प्लेटफॉर्म की वृद्धि ने अधिक कनेक्टिविटी को सक्षम बनाया है।

4 . सांस्कृतिक आदान-प्रदान

दुनिया भर में भारतीय प्रवासी समुदायों ने भी भारत और अन्य देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा दिया है, जिससे व्यापार, निवेश और ज्ञान के आदान-प्रदान में सुविधा हुई है।

वैश्वीकरण : अर्थ, प्रभाव, लाभ , चुनौतियां | Globalisation - Defination , Importance , Impacts ,  Issues In Hindi | Globalisation UPSC In Hindi
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5 . व्यापार उदारीकरण:

टैरिफ में कटौती, व्यापार बाधाओं को हटाने और सीमा पार व्यापार की सुविधा से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ी है और वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है।

6 . प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रमुख क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोलने और एफडीआई नियमों में ढील ने बहुराष्ट्रीय निगमों (एमएनसी) को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित किया है।

7 . बुनियादी ढांचे का विकास – इसी क्रम में बुनियादी ढाँचे में निवेश की मात्रा में वृद्धि हुई जिससे  परिवहन, लॉजिस्टिक्स और संचार नेटवर्क के उन्नत साधनों का विकास हुआ। जिससे भारत के भीतर और बाकी दुनिया के साथ कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। जिसने भारत में भौगौलिक अलगाव की भावना  को कम करने में सहायता प्रदान की।

८ . जनसांख्यिकीय लाभ

एक विशाल श्रमिक की उपलब्धता ने आउटसोर्सिंग और ऑफशोरिंग गतिविधियों को आकर्षित किया है, जिससे भारत लागत प्रभावी समाधान चाहने वाले कुछ उद्योगों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है। Globalisation UPSC In Hind

वैश्वीकरण के रूप | Forms of Globalisation ( Globalisation UPSC In Hindi  ):

आर्थिक वैश्वीकरण: इसमें दुनिया भर की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं का बढ़ता एकीकरण और परस्पर निर्भरता शामिल है।

सांस्कृतिक वैश्वीकरण: यह सामाजिक संबंधों को बढ़ाने और प्रगाढ़ करने के लिए दुनिया भर में विचारों, प्रथाओं और मूल्यों के संचरण और प्रसार को दर्शाता हैं।

राजनीतिक वैश्वीकरण: यह अंतरराष्ट्रीय सरकारी कार्मिकों के बढ़ते प्रभाव और एकजुटता और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बढ़ती भूमिका को संदर्भित करता है।

मैकडॉनल्डाइज़ेशन: जॉर्ज रिट्जर के अनुसार, समाज का मैकडॉनल्डीकरण एक ऐसी घटना है जो तब घटित होती है जब समाज, इसकी संस्थाएं और इसके संगठन उन्हीं विशेषताओं के लिए अनुकूलित होते हैं जो फास्ट-फूड श्रृंखलाओं में पाए जाते हैं। इनमें दक्षता, गणनाशीलता ( calculability ) , पूर्वानुमेयता ( predictability )  और मानकीकरण ( standardization) और नियंत्रण (control) शामिल हैं।

वैश्विक संस्कृति- यह मुख्य रूप से पश्चिमी संस्कृति को एकल वैश्विक संस्कृति के रूप में उभरने की धारणा को संदर्भित करता हैं। यह धरना जनसंचार माध्यमों और इंटरनेट के उदय से सुगम हुई है।

समरूपीकरण: – वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वैश्वीकरण के माध्यम से संस्कृतियाँ अधिक समान होती जा रही हैं।

संकरण: यह अवधारणा वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप विभिन्न संस्कृतियों के तत्वों के मिश्रण को संदर्भित करती है

सांस्कृतिक साम्राज्यवाद: यह शब्द  विशेष रूप से सांस्कृतिक मूल्यों और मानदंडों के संदर्भ में एक शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा अन्य संस्कृतियोंपर प्रभुत्व को संदर्भित करता है,।

विक्षेत्रीकरण: यह उनके मूल स्थानों और आबादी से सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक प्रथाओं का विच्छेद है। Globalisation UPSC In Hind

ग्लोकलाइज़ेशन:

यह शब्द, वैश्वीकरण और स्थानीयकरण का एक भाषाई मिश्रण है, जिसे समाजशास्त्री रोलैंड रॉबर्टसन द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था और उनके अनुसार, जापानी वैश्विक विपणन रणनीतियों को समझाने के लिए जापानी अर्थशास्त्रियों द्वारा गढ़ा गया था।

ग्लोकलाइज़ेशन एक शब्द है जो “वैश्वीकरण” और “स्थानीयकरण” को जोड़ता है। यह वैश्विक और स्थानीय दोनों आवश्यकताओं के अनुसार उत्पादों, सेवाओं और रणनीतियों को विकसित करने या तैयार करने की अवधारणा को संदर्भित करता है।

ग्लोकलाइज़ेशन का लक्ष्य बेचे जाने वाले स्थान के आधार पर एक वैश्विक उत्पाद या सेवा बनाने से है जिसे स्थानीय संस्कृति, स्वाद, कानूनों और बाज़ार की माँगों के अनुकूल बनाया गया हो । Globalisation UPSC In Hind

प्रमुख विशेषताऐं:

 स्थानीय संस्कृति को समझना: इसमें स्थानीय रीति-रिवाजों, मूल्यों और स्वाद के बारे में ज्ञान प्राप्त करना शामिल है। यह वैश्वीकरण का एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि व्यवसायों का लक्ष्य अपनी वैश्विक ब्रांड पहचान बनाए रखते हुए अपने उत्पादों या सेवाओं को स्थानीय बाजारों के लिए प्रासंगिक और आकर्षक बनाना है।

उत्पादों या सेवाओं को अपनाना: स्थानीय प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए किसी उत्पाद या सेवा को अपनाने में डिज़ाइन, पैकेजिंग, रंग, विशेषताओं और यहां तक कि उत्पाद के नाम में स्थानीय बाजार के अनुरूप परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।

  • स्थानीय विनियमों का अनुपालन: व्यवसायों को अक्सर स्थानीय कानूनों और विनियमों का अनुपालन करने के लिए अपने उत्पादों, सेवाओं या संचालन को संशोधित करने की आवश्यकता होती है। इसमें सुरक्षा मानक, पर्यावरण नियम, आयात/निर्यात नियम और अन्य कानूनी आवश्यकताएं शामिल हो सकती हैं।

स्थानीय विपणन रणनीतियाँ: विपणन रणनीतियों को स्थानीय प्राथमिकताओं के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है। इसमें स्थानीय भाषाओं का उपयोग करना, स्थानीय सांस्कृतिक मूल्यों को आकर्षित करना और स्थानीय मीडिया और विज्ञापन चैनलों का उपयोग करना शामिल हो सकता है। Globalisation UPSC In Hind

ग्लोकलाइज़ेशन के उदाहरण

  1. मैकडॉनल्ड्स – अपने मेनू को स्थानीय स्वाद के अनुसार अनुकूलित करता है (भारत में मैकआलू टिक्की, जापान में टेरीयाकी बर्गर)
  2. कोका कोला – स्थानीय स्वाद प्राथमिकताओं और स्वास्थ्य नियमों के आधार पर विभिन्न फ़ॉर्मूले और मिठास का उपयोग करता है
  3. Ikea- स्थानीय जीवन स्थितियों के अनुसार फर्नीचर के आकार को अनुकूलित करना (अमेरिका में बड़े बिस्तर/रसोईघर)
  4. NetFlix – स्थानीय सामग्री उत्पादन में निवेश (भारतीय फिल्में और श्रृंखला, स्पेन में “मनी हाइस्ट”)

Impacts Of Globalisation  | वैश्वीकरण के प्रभाव –

भारतीय संस्कृति पर वैश्वीकरण के प्रभाव | Impacts Of Globalisation On Indian Culture :

  1. सांस्कृतिक आदान-प्रदान वैश्वीकरण ने भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सरलता लायी है जिससे यह प्रक्रिया पहले से तेज हुई हैं। , जिससे विदेशी विचारों, प्रथाओं और मूल्यों को भारतीय संस्कृति में समाहित किया जा सका है।
  2. पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव: पश्चिमी मीडिया, प्रौद्योगिकी और उपभोक्तावाद के प्रवाह ने भारतीय संस्कृति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया हैं।  विशेष रूप से युवा पीढ़ी में जीवनशैली, फैशन और सामाजिक मानदंडों में बदलाव आया है।
  3. मनोरंजन उद्योग: भारतीय सिनेमा (बॉलीवुड) और टेलीविजन शो की वैश्विक पहुंच ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को विदेशों में लोकप्रिय बना दिया है। हालाँकि यह प्रभाव एक तरफ़ा ही नहीं है , इसने भारतीय मनोरंजन को भी प्रभावित किया हैं।  जिससे स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय शैलियों का मिश्रण हुआ है।
  4. भारत में अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों की लोकप्रियता को बढ़ावा मिला है जैसे मोमोस। भारतीय व्यंजनों ने भी दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है और सांस्कृतिक विविधता में योगदान दिया है।
  5. उपभोक्तावाद और भौतिकवाद: वैश्विक ब्रांडों और उपभोक्ता संस्कृति के उदय ने भारतीय समाज को प्रभावित किया है। जिससे भौतिक संपत्ति पर अधिक जोर दिया जा रहा है  भौतिकवाद को बढ़ावा मिला है जिससे मितव्ययता में वृद्धि हुई हैं।
  6. भाषा और संचार: वैश्वीकरण ने संचार की वैश्विक भाषा के रूप में अंग्रेजी को अपनाने और व्यापक उपयोग को बढ़ावा दिया है। इसने क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को प्रभावित किया है।
  7. सांस्कृतिक संरक्षण और पुनरुद्धार:- वैश्वीकरण ने भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक प्रथाओं में भी नए सिरे से रुचि जगाई है, जिससे स्वदेशी कला रूपों, शिल्प, संगीत और नृत्य को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू हुए हैं।
  8. शिक्षा और रोजगार – वैश्वीकरण ने विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं।
  9. धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभाव – वैश्वीकरण ने भारत में विविध धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं को लाया है, जिससे विचारों और प्रथाओं का आदान-प्रदान हुआ है। इससे देश के भीतर वैश्विक धार्मिक आंदोलनों में भी वृद्धि हुई है।
  10. सांस्कृतिक प्रामाणिकता के लिए चुनौतियाँ – वैश्वीकरण ने भारतीय संस्कृति की प्रामाणिकता को संरक्षित करने के लिए चुनौतियाँ पेश की हैं, क्योंकि परंपराओं का व्यावसायीकरण और उपभोक्ताकरण उनके वास्तविक सार को कमजोर कर सकता है। Globalisation UPSC In Hind

महिलाओं पर वैश्वीकरण का प्रभाव | Impacts Of Globalisation On Women 

 सकारात्मक प्रभाव

  • रोज़गार के अधिक अवसर: वैश्वीकरण के कारण उद्योगों और सेवा क्षेत्र का विकास हुआ है। रोजगार के नए अवसर पैदा करना। महिलाएं प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में रोजगार पाने में सक्षम हुई हैं।
  • आर्थिक स्वतंत्रता: कई महिलाओं के पास अब अधिक वित्तीय स्वतंत्रता है, जो उन्हें अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सशक्त बना सकती है। महिलाएं अब फ्रीलॉन्चींग के माध्यम से घरेलू और व्यावसायिक जीवन में सामंजस्य सामंजस्य बैठा पाती हैं।
  • नए विचारों और जीवनशैली का परिचय: वैश्वीकरण दुनिया भर से विचारों और संस्कृतियों का प्रवाह लाता है, जिससे समाज में महिलाओं के अधिकारों और भूमिकाओं के प्रति अधिक प्रगतिशील दृष्टिकोण सामने आता है।
  • प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी – विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि राजनीति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • शिक्षा तक बेहतर पहुंच-  वैश्वीकरण ने लड़कियों के लिए शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने में भूमिका निभाई है। महिलाओं की शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कार्यबल में अधिक शिक्षित महिलाएं शामिल हो रही हैं।
  • सामाजिक सशक्तिकरण में वृद्धि: वैश्विक मीडिया, इंटरनेट और संचार के विभिन्न रूपों तक पहुंच के साथ, कई महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में अधिक जागरूक हैं और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने हेतु सशक्त हुई हैं।  वैश्वीकरण ने भारत में नारीवादी आंदोलन को गति प्रदान की हैं। जैसे #MeToo आंदोलन।
  • वेतन में बढ़ोतरी । Globalisation UPSC In Hind

 नकारात्मक प्रभाव

  • वेतन असमानता: रोजगार के अवसरों में वृद्धि के बावजूद, वेतन असमानता एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है। महिलाएं अक्सर समान काम के लिए अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में कम कमाती हैं।
  • दोहरा बोझ: महिलाओं को अक्सर अवैतनिक घरेलू काम के अलावा घर के बाहर भुगतान किए गए काम के दोहरे बोझ का सामना करना पड़ता है, जिससे लंबे समय तक काम करना तनाव पूर्ण होता है।
  • उपभोक्तावाद में वृद्धि: वैश्वीकरण के कारण उपभोक्तावाद में वृद्धि से वित्तीय तनाव और सामाजिक दबाव हो सकता है।
  • संगठित क्षेत्र में शोषण: कई महिलाएं अनौपचारिक क्षेत्र में बहुत कम वेतन ,  नौकरी सुरक्षा का आभाव के साथ काम करती हैं। वे शोषण और दुर्व्यवहार का भी शिकार हो सकते हैं।
  • अपर्याप्त सामाजिक सुरक्षा: वैश्विक अर्थव्यवस्था में कार्यरत कई महिलाओं के पास मातृत्व अवकाश, स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजनाओं जैसे आवश्यक सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच नहीं है।
  • सांस्कृतिक विस्थापन: पश्चिमी संस्कृति के आगमन से सांस्कृतिक विस्थापन की भावना पैदा हो सकती है और पारंपरिक तथा आधुनिक मूल्यों के बीच टकराव हो सकता है, विशेषकर लैंगिक भूमिकाओं के संदर्भ में।
  • ग्रामीण-शहरी असमानताएँ: हालाँकि शहरी महिलाएँ वैश्वीकरण से लाभान्वित हो सकती हैं, लेकिन ग्रामीण महिलाएँ अक्सर पीछे रह जाती हैं, जिससे ग्रामीण-शहरी असमानताएँ और बढ़ जाती हैं। Globalisation UPSC In Hind

परिवार पर वैश्वीकरण का प्रभाव | Impacts Of Globalisation On Family – 

  • व्यक्तिगत हित पारिवारिक हितों से अधिक महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
  • देखभाल कार्यों में गिरावट: महिलाओं के रोजगार, बढ़ती शारीरिक दूरी आदि के कारण परिवार की देखभाल और पोषण कार्यों में गिरावट आ रही है।
  • पारिवारिक संरचना में बदलाव: शिक्षा या रोजगार ले लिए अपने मूल से कट जाने के कारण संयुक्त परिवारों का एकल परिवारों का स्थान ले लिया है।
  • परिवार पश्चिमीकरण और आधुनिकीकरण के साथ, परिवार के नए रूप विकसित हो रहे हैं। जैसे लिव इन रिलेशनशिप।
  • जीवन साथी ढूंढने में घटती भूमिका: ऑनलाइन डेटिंग साइटों ने जीवन साथी ढूंढने में परिवार की भूमिका कम कर दी हैं।
  • पारंपरिक प्राधिकार का ह्रास: पति या पिता के परंपरागत रूप से स्वीकृत प्राधिकार का ह्रास हो रहा है।
  • बड़ो की स्तिथि में परिवर्तन – पहले परिवार में बुजुर्गो को ज्ञान का केंद्र जाता था , परन्तु  अब उनकी स्तिथि में भी परिवर्तन हुआ है।
  •  कृषि क्षेत्र: किसानों की नई तकनीकी क्षमताओं ने वैश्विक निर्यात को बढ़ाने में मदद की हैं। Globalisation UPSC In Hind

समाज के अन्य वर्गों पर प्रभाव-  | Impacts  of Globalisation On Children , Youth , Senior Citizens In Hindi  

  •  बच्चे और युवा 

बच्चों का वैश्विक संस्कृति से परिचय बढ़ा है। जिससे उनकी वैश्विक सामग्री तक हो गयी है जैसे- कपडे , किताबे  , खेल आदि।  वही उनकी पहुंच वैश्विक शैक्षिक प्लेटफार्मों तथा  शैक्षिक प्रथाओं तक भी हुई है । युवाओ पर पश्चिमी जीवनशैली का प्रभाव भी बड़े स्तर पर देखने को मिला हैं। श्विक शिक्षा और नौकरी के अवसरों तक युवाओं की पहुंच बढ़ी हैं। विदेश में अध्ययन करने और वैश्विक कंपनियों के साथ काम करने के अधिक  अवसर उपलब्ध हैं।

  • बुज़ुर्ग – उन्नत स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं तक पहुंच। वही बुजुर्गो पर अनेक नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिले है जैसे कि बच्चों के विदेश चले जाने से अकेलापन , पारंपरिक सहायता प्रणालियों पर का आभाव  आदि।
  • कमज़ोर वर्ग (जैसे, निम्न-आय समूह, हाशिए पर रहने वाले समुदाय) – इनपर सकारत्मक प्रभाव ये हुआ है कि वंचित वर्गों के मुद्दों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आवाज प्रदान हुई है। वही नकारात्मक प्रभाव के रूप में अनेक आदिवासी क्षेत्रो में बड़ी बड़ी कंपनी द्वारा शोषण के मुद्दे भी सामने आये है।  वैश्विक बाज़ारों से प्रतिस्पर्धा के कारण नौकरी में विस्थापन ,  

वैश्वीकरण विरोधी घटना

  • वैश्वीकरण विश्व स्तर पर आर्थिक शक्ति के पुनर्वितरण का मार्ग प्रशस्त करता है जिससे गरीब देशों पर आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों का प्रभुत्व हो जाता है।
  • आर्थिक असमानता: वैश्वीकरण के कारण धन का असमान वितरण हुआ है, जिससे कुछ व्यक्तियों और निगमों को दूसरों की तुलना में काफी अधिक लाभ हुआ है। ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे अमीर 1% लोगों के पास 6.9 अरब लोगों से दोगुनी से भी ज्यादा संपत्ति है। इससे वैश्वीकरण की प्रक्रिया से अलगाव की भावना पैदा हुई है
  • वैश्वीकरण ने गाँव और छोटे पैमाने के उद्योगों को सतर्क कर दिया है और उनके लिए अस्तित्व के संकट की समस्या उत्पन्न कर दी है।  क्योंकि वे सुसंगठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों से उत्पन्न प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर सकते हैं।
  • मानव तस्करी वैश्वीकरण के सबसे काले पक्षों में से एक है, जिसने मानव को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खरीदी और बेची जाने वाली वस्तुओं में बदल दिया है। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आते हैं।
  • संरक्षणवाद का उदय: अपने घरेलू उद्योगों और नौकरियों की रक्षा के लिए टैरिफ और व्यापार बाधाएं लगाने वाले देश वैश्वीकरण की विशेषता वाली वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को कमजोर कर सकते हैं।
  • आतंकवाद, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी, संगठित अपराध, समुद्री डकैती और महामारी संबंधी बीमारियों (उदाहरण के लिए, कोविड-19) के अंतरराष्ट्रीय प्रवाह को तेज कर दिया है।
  •  भू-राजनीतिक तनाव: प्रमुख शक्तियों के बीच राजनीतिक और आर्थिक प्रतिद्वंद्विता के कारण वस्तुओं, सेवाओं और सूचनाओं का वैश्विक आदान-प्रदान बाधित हो सकता है।
  •  प्रौद्योगिकी व्यवधान:  प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण को गति देने में सहायक होती है परन्तु साइबर अपराध , डिजिटल विभाजन ,डेटा गोपनीयता जैसे मुद्दों भी इसका एक दूसरा पक्ष है।
  •  कोविड-19 महामारी: महामारी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया था और प्रमुख वस्तुओं के घरेलू उत्पादन में वृद्धि की मांग की गई है।
  • पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: वैश्वीकरण के पर्यावरणीय प्रभाव के कारण अधिक टिकाऊ, स्थानीयकृत प्रथाओं की मांग बढ़ रही है।
  • संप्रभुता के मुद्दे: वैश्विक संस्थानों द्वारा कथित अतिरेक के खिलाफ राष्ट्रीय संप्रभुता की मांग बढ़ रही है, जो बहुपक्षीय समझौतों से दूर हटने को प्रेरित कर सकती है।
  • प्रवास संकट: अनेक कारणों जैसे जलवायु संकट, रोजगार आदि ने प्रवास को बढ़ाया है।  जो बढ़ते वैश्वीकरण के लिए एक चुनौती है।
  • राष्ट्रवाद का उदय:, नागरिक वैश्विक हितों की तुलना में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देना चाहते हैं। इसलिए बढ़ते राष्ट्रीयवाद के कारण वैश्वीकरण के लिए चुनौती उत्पन्न हो सकती है। Globalisation UPSC In Hind

 

भारत वैश्वीकरण के लाभों को उलटने की कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि इसे और अधिक पारदर्शी बनाने की मांग कर रहा है” – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

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