हिंदी साहित्य विगत वर्षों के प्रश्न पत्र :- ब्रह्मराक्षस  | Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise BRAHMRAKSASH  

Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise BRAHMRAKSASH
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1. ‘ब्रह्मराक्षस कविता की संवेदनागत तथा शिल्पगत विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये। 2003

2. ‘ब्रह्मराक्षस’ की प्रतीकात्मकता पर प्रकाश डालते हुए समझाइए कि इस कविता की भाषा तथा शिल्प कहाँ तक कवि की संवेदना के अनुकूल हैं। -2006

3. क्या मुक्तिबोध के आत्मसंघर्ष में सामाजिक संघर्ष भी व्यक्त हुआ है? मुक्तिबोध के काव्य के संदर्भ में स्पष्ट कीजिये। 2009

4. नई कविता के दायरे में रहते हुए मुक्तिबोध की काव्यशैली में प्रगतिशीलता का निर्वहन हुआ है- स्पष्ट कीजिये 2009

5. नई कविता के आत्मसंघर्ष का सर्वोत्तम रूप मुक्तिबोध की कविताओं में मिलता है- इस विषय में अपने विचार प्रकट कीजिये। 2010

6. समकालीन दौर में भी मुक्तिबोध की कविता का पुनर्पाठ लगातार हो रहा है। समकालीन कविता में मुक्तिबोध की कविता किस तरह संस्थित है? 2012

7. मुक्तिबोध की कविता में आधुनिकताबोध के नये आयाम के साथ आत्मबोध के स्वर भी हैं। विचार प्रस्तुत कीजिये । -2015

8. वैश्वीकृत परिदृश्य में मुक्तिबोध की कविता का पुनर्पाठ प्रस्तुत कीजिए। -2016

9. “मुक्तिबोध ने ‘ब्रह्मराक्षस’ कविता में फैण्टेसी शैली के माध्यम से कविता जैसी विधा में नाटकीय प्रभाव की सृष्टि “की है।” इस कथन की तर्क एवं उदाहरण सहित विवेचना कीजिये। 2017

10. “मुक्तिबोध रचित ‘ब्रह्मराक्षस’ की उपलब्धि है भयानक अंगीरस, तिलस्मी ‘वस्तु’ और आवेग-कल्पना-संवेदना का संगम।” इस कथन की समीक्षा कीजिये। 2017

11 .  ‘ब्रह्मराक्षस के मिथकीय प्रयोग’ की व्याख्या करते हुये मध्यवर्गीय जीवन की त्रासदी पर प्रकाश डालिये। 2019

12 . मुक्तिबोध की कविता ‘ब्रह्मराक्षस’ में अंतःस्यूत फैंटेसी को व्याख्यायित कीजिए। 2021

13 .  ब्रह्मराक्षस’ अस्तित्ववादी मान्यताओं और खंडित व्यक्तित्व का प्रतीक है। इस कथन के आलोक में ‘ब्रह्मराक्षस’ कविता की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए । 2022

हिंदी साहित्य : – टॉपिक अनुसार प्रश्न | UPSC Hindi Literature Previous Year Questions ( PYQ ) Topic Wise

 

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