Bio Terrorism

What is Bio Terrorism? Bio Terrorism in Hindi / जैव आतंकवाद क्या हैं। अगर प्राचीन काल से मानव इतिहास का अध्ययन करें। चाहे वो कोई भी युग या कहे कि काल या कोई भी सदी रही हो । सभी जगह जो एक तथ्य या कहे कि एक सच मौजूद रहा है,  वो है – युद्ध का अस्तित्व । 
वर्तमान में प्रत्येक राष्ट्र अनेक अंतर- राष्ट्रीय मंचो पर शांति की बात करते आये है और करते रहते भी हैं। परंतु अगर चारों तरफ नज़र घुमाएं और सच्चाई से विश्लेषण करें तो हमे नज़र आएगा कि पूरा विश्व अधिक से अधिक युद्धों में उलझता जा रहा हैं।युद्ध की वजह चाहे कोई भी हो ये युद्ध दिनोंदिन इंसानियत को नष्ट करने का प्रयास करते रहते हैं। Bio Terrorism in Hindi


प्रत्येक देश तरह तरह की तकनीकों का प्रयोग करके साल दर साल अपनी युद्ध शक्ति में वृद्धि करने में लगा हैं। अनेक तरह के हथियारों का निर्माण प्रत्येक साल पूरे विश्व मे किया जा रहा हैं। जिससे पूरा विश्व के अलग ही तनाव को महसूस कर रहा हैं।
आधुनिक हथियारों के निर्माण में वृद्धि के साथ ही एक अलग और नए तरह के हथियार का प्रयोग भी चर्चाओं का विषय बना हुआ हैं। वो हैं  जैव हथियार या कहें कि जैविक हथियार । 

Bio Terrorism in Hindi


जैव आतंकवाद क्या हैं- What is Bio Terrorism?


 ऐसी गतिविधि जिसमें अंतर- राष्ट्रीय स्तर पर जीवाणुओं , विषाणुओं तथा अन्य विषैले तत्वों को प्राकृतिक या कुछ परिवर्तित रूप में विकसित किया जाता हैं। इसको विकसित मानव द्वारा ही किया जाता हैं। और इन विषाणुओं , जीवाणुओं और विषैले तत्वों का प्रयोग किसी आतंकवादी संगठन के द्वारा या किसी राष्ट्र के द्वारा अपने क्रूर लक्ष्य पूर्ति के लिए किसी अन्य राष्ट्र के विरुद्ध किया जाता हैं। इस तरह के आतंकवाद में व्यक्तियों या जानवरो या पेड़ पौधों को हानि पहुंचाने के लिए विषाणुओं , जीवाणुओं और विषैले तत्वों का प्रयोग साधन के रूप में किया जाता हैं।

Bio Terrorism in Hindi


इतिहास में जैव आतंक के साक्ष्य –
 


* ऐसे अनेक उदाहरण इतिहास में मिलते हैं जब मंगोल और तुर्की साम्राज्यों ने शत्रु के जल स्रोतों को संक्रमित किया गया था। इसके लिए वो संक्रमित जानवरों के मृत शरीर के भाग को जल श्रोतों में डाल देते थे।


* इसी तरह का एक अन्य उदाहरण ये हैं कि मेसोपोटामिया के अस्सुर साम्राज्य नव भी शत्रुओं के जल स्रोतों को संक्रमित किया था । इसके लिए उन्होंने जहरीले कवकों का सहारा लिया था।


* प्रथम विश्व युद्ध में भी जर्मन सैनिकों द्वारा जैविक हथियारों के प्रयोग की अनेक बाते इतिहास में कही गयी हैं।


* इसी प्रकार जापान चीन युद्ध मे भी जैविक हथियारों के प्रयोग के प्रमाण मिलते हैं।


* 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे ही जैविक हथियारों के प्रयोग से हमलों के साक्ष्य सामने आए थे। इसमे आतंकवादियों ने कुछ संक्रमित पत्र कांग्रेस कार्यालयों में भेजे जिससे पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी।


जैविक हथियारों का प्रभाव 


अनेक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जैविक हमलों में विषाणुओं जीवाणुओं का प्रयोग करके नई तकनीक से हमला किया जाता हैं। ये हमला अन्य तरह के हथियारों से किये गए हमले की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक होता हैं। जैविक हथियार के रूप में भारी मात्रा में अनेक प्रकार के बैक्टीरिया , वायरस, आदि मौजूद हैं।

जैविक हथियार का प्रयोग कैसे करते हैं –  

जैविक हथियार को अनेक तरह से प्रयोग किया जाता हैं जिनमे- * वनस्पति को संक्रमित किया जा सकता हैं।  जिसके प्रयोग से जानवर और इंसान दोनों संक्रमित हो सकते हैं।* पाउडर के रूप में प्रयोग करके हवा या जल में छोड़ा जा सकता हैं।* किसी आतंकवादी को संक्रमित करके किसी शत्रु राष्ट्र मव प्रवेश करा दिया जाता हैं । जिससे ये अन्य व्यक्तियों में भी फैल जाता हैं। और धीरे धोरे देश की एक बड़ी जनसंख्या संक्रमित हो जाती हैं। जैविक हथियार के प्रयोग के अन्य बहुत तरीके हो सकते हैं।
भारत मे अनेक तरह के आतंकवादी हमले होते रहते रहते हैं। ऐसे में हमारे देश को इस तरह के हमलों से सतर्क रहने की अत्यंत जरूरत हैं। इसके लिए कुछ आपदा संस्थाओं का निर्माण किया जाना चाहिए।  कुछ राष्ट्रीय नियम कानूनों या दिशा निर्देश बहुत जरूरी हैं।
जैविक हमलों का ख़तरा पूरे विश्व पर मंडरा रहा हैं। ऐसे में पूरे विश्व को मिलकर काम करने की जरूरत हैं। 

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