7 Myths about UPSC Civil Services Exam | UPSC सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े 7 मिथक | Myths about UPSC

 

Myths about UPSC

आज डिजिटल युग मे जानकारी की बाढ़ आई हुई हैं। जहाँ अनेक जानकारी लाभदायक सिद्ध होती है वही कुछ जानकारी किसी न किसी रूप में हानिकारक भी बन जाती हैं। (Myths about UPSC ) ऐसे ही अनेक मिथक सोशल मीडिया और समाज में मौजूद हैं। जो यूपीएससी सिविल परीक्षा (Myths about UPSC)  को लेकर हैं। जहाँ समाज का एक बड़ा वर्ग इस परीक्षा की प्रकृति को नही जानता हैं वो भी अनावश्यक सलाह या बाते करके अभ्यर्थियों में अनावश्यक तनाव को बढ़ाता हैं।  UPSC सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े 7 मिथक ( 7 Myths about UPSC Civil Services Exam ) लेख में हम ऐसे ही मिथको को पड़ेंगे और जानेंगे कि इनमें कहाँ तक सच्चाई हैं।

Myths about UPSC Civil Services Exam | UPSC सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े 7 मिथक

1. अकादमिक शिक्षा में टॉपर ही पास करते हैं।  (Myths about UPSC)

यू पी एस सी परीक्षा से संबंधित ये सबसे बड़ा मिथक (Myths about UPSC)
है कि अकादमिक टॉपर ही इस परीक्षा को पास करते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं, अनेक ऐसे अधिकारी भी है जो अकादमिक परीक्षाओं में औसत के विद्यार्थी हुआ करते थे।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि अगर आपके नंबर अच्छे नहीं है या आप एक औसत विधार्थी है तो आप इस परीक्षा को पास नहीं कर सकते हैं। ये सब समाज में चलने वाली अफ़वाह मात्र हैं।
किसी भी प्रतिस्पर्धी परीक्षा को पास करने के लिए ये जरूरी हैं कि अभी आप उस परीक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं और कितनी मेहनत करते हैं।

2. अकादमिक बैकग्राउंड बड़े कॉलेज या यूनिवर्सिटी से होनी चाहिए- (Myths about UPSC)

अकादमिक शिक्षा से संबंधित ये एक ओर मिथक (Myths about UPSC) समाज में मौजूद हैं।
समाज में कुछ ऐसे मिथक मौजूद है जो बच्चों में अनावश्यक तनाव  बढ़ाते है। उनमें से एक ये है कि अगर परीक्षाओं में सफल होना हैं तो स्कूलिंग या ग्रेजुएशन अच्छे स्कूल या कॉलेज से होनी चाहिए। परंतु ऐसा  बिल्कुल भी नही हैं। क्योंकि ये अलग पेपर हैं और इसका उद्देश्य भी अलग हैं। दोनों का इतना संबंध है कि स्कूल या कॉलेज से प्राप्त डिग्री या शिक्षा  हमें पेपर में बैठने लायक बनाते हैं।
यहाँ आपको अलग से मेहनत करनी होगी। जो सही से रणनीति बनाकर मेहनत कर लेगा वही सफल हो जाएगा। जैसे यहाँ अधिक विषय कला वर्ग से सम्बंधित है जिनका अनेक वर्ग के विधार्थियों जैसे B.TECH, MEDICAL, COMMERCE आदि से ज्यादा सम्बन्ध नहीं रहता हैं।  फिर भी वो इस परीक्षा को पास करते हैं। इसलिए यहाँ मेहनत और सही रणनीति और सही मार्गदर्शन का ज़्यादा योगदान होता है।

3.  यू पी एस सी (UPSC) करने के लिए 15-15 घंटे पढ़ना पड़ता हैं – (Myths about UPSC)

ये एक ऐसी बात है जो अनेक पेपर से संबंधित समाज मे बहुत ज्यादा कही जाती हैं। यह प्रैक्टिकल तौर पर बिल्कुल भी सही नही हैं। अगर सही एकाग्रता से पढ़े तो इतने घंटे लगातार पढ़ना आसान नहीं होगा। अच्छे तरह अगर एकाग्रता पूर्वक पढ़े तो 7 से 8 घंटे की पढ़ाई काफी होती हैं।
पढ़ाई के घंटे नहीं बल्कि गुणवत्ता निर्भर करती हैं।  ये एक ऐसा मिथक (Myths about UPSC) हैं जो समाज में सबसे ज्यादा सुनने को मिलता हैं। यहाँ बात बच्चे के समझने पर निर्भर करता है। कोई किसी टॉपिक को १ घंटे में समझ सकता है तो अन्य उसी टॉपिक को २ घंटे में।  इसलिए ये बात बिलकुल निरर्थक है क्योकि बहुत से परीक्षार्थी नौकरी के साथ भी इस परीक्षा को पास करते हैं।

4. एक विषय की अनेक किताबें पढ़नी होगी- (Myths about UPSC)

इसको एक गलती कहे या कहे कि एक अफ़वाह दोनों ही सही हैं। समाज में जिन लोगो को upsc के विषय मे मालूम भी नहीं हैं वो भी ऐसी ऐसी अफवाहें फैलाते हैं। जिससे कुछ विद्यार्थी भी मार्गदर्शन के अभाव में इन अफवाहों पर विश्वास कर बैठते हैं।
ये एक बहुत बड़ा मिथक है कि एक विषय के लिए बहुत ज्यादा किताबें पढ़नी पड़ती हैं।
अनेक सफल अभ्यर्थी भी ये बताते है प्रत्येक विषय के सीमित साधन रखे। एक बार परीक्षा की प्रकृति को देख कर प्रत्येक विषय के सीमित साधन निर्धारित  करें। उन्हें ही बार बार दोहराएं । इस परीक्षा में अलग अलग साधनों से पढ़ने से बेहतर होता हैं कि सीमित साधनों से पढ़ा जाए और बार बार पढ़ा जाएं या दोहराया जाएं।

5. ज्यादा तथ्य रटने होंगे ( remember lot of facts) 

Upsc की परीक्षा में आपके वैचारिक और तार्किक ज्ञान का परीक्षण किया जाता हैं।  कुछ तथ्यों को भी याद करने को आवश्यकता होती है परंतु ऐसा नहीं है कि ये परीक्षा तथ्यों पर ही आधारित हो।
 इस पेपर की प्रकृति भी ऐसी नहीं है कि वो मुख्य तौर पर आपके तथ्यात्मक ज्ञान का परीक्षण करता हो।

6. कोचिंग करनी जरूरी होती है ?

ये एक ऐसा मुद्दा है जो एक मिथक (Myths about UPSC) तो है ही साथ ही ये अनेक विधार्थियो के मन संशय भी रहता है कि कोचिंग करे या नही करें। 
ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं कि कोचिंग करना जरूरी ही हो। बहुत से ऐसे सफ़ल अभ्यर्थी है जिन्होंने एक उत्तम रणनीति के साथ खुद ही तैयारी करके इस परीक्षा को पास किया हैं।
सबसे पहले समझना होगा कि कोचिंग में कुछ ऐसे मार्गदर्शक मिल जाते है जिन्हें इस परीक्षा की प्रकृति का अच्छे से पता होता हैं। और कुछ बने बनाएं नोट्स भी मिल जाते हैं।
अगर हमारे पास कोई मार्गदर्शक हैं । और नोट्स तो आज बाजार व नेट पर उपलब्ध हैं। अगर आप खुद इस परीक्षा की प्रकृति को अच्छे से समझते हैं और इस परीक्षा के अनुसार सही रणनीति बनाने में सक्षम है तो कोचिंग की कोई आवश्यकता नही होगी।
आज एक क्लिक पर सब आपके सामने मौजूद हो जाता हैं। अतः ऐसे में ये आवश्यक नहीं है कि अगर आप कोचिंग करेंगे तभी आपका सिलेक्शन होगा।
आज परीक्षा में सफल अनेक अभ्यर्थियों ने अपने अपने YOU TUBE चैनल बनाएं हुए हैं।  जो अच्छे से मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

7. आकाश के नीचे जो भी मौजूद है वो सब पढ़ना पड़ता हैं –

ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। इस परीक्षा को लेकर ये सबसे बड़ा मिथक हैं। जिसकी वजह से अनेक बच्चे या तो तैयारी शुरू ही नही करते हैं या अगर करते भी हैं तो इस वजह से तनाव में रहते हैं।
इस परीक्षा में अगर समसामयिक विषय (current affairs) को छोड़ दिया जाए तो सभी विषयों का syllabus निर्धारित किया हुआ हैं। जिससे कुछ सीमित साधनों व उत्तम रणनीति से पूरा किया जा सकता हैं।
वही अगर बात करे करंट अफेयर्स की तो उसके लिए बाज़ार में महीने के , हफ्ते के नोट्स उपलब्ध हैं।  किसी अच्छे अखबार या मैगज़ीन की सहायता से भी तैयार किया जा सकता हैं।
अनेक वेबसाइट पर प्रति दिन भी करंट अफेयर्स अपडेट किये जाते हैं।

 क्या करें –

समाज मे जिन लोगो को upsc के सिलेबस का ज्ञान भी नहीं हैं। वो भी अनावश्यक सलाह देने में लगे रहते हैं। ऐसे लोग आपके करीबी भी हो सकते हैं।  ये समाज में आपसे किसी न किसी रूप से संबंधित हो सकते हैं।
बेहतर यही होगा कि इन लोगों को गंभीरता से न ले। हो सके तो जब तक तैयारी कर रहे हो तो ऐसे लोगों से जितनी हो सके दूरी बनाएं रखें।
क्योंकि इस परीक्षा में मानसिकता का रक्षण अत्यंत आवश्यक होता हैं। अगर मानलो किसी ने आपसे कोई ऐसी बात कही जो आपके आत्मविश्वास को कम करने वाली हो। तो वो बात कही न कही आपके मस्तिष्क में प्रवेश करके बैठी रहेगी। और जो आपको पीछे से एक नकारात्मक संदेश देती रहेगी। अतः अपनी मानसिकता का रक्षण अवश्य करें।
आत्मविश्वास बनाए रखे और खुद पर पूर्ण विश्वास रखे। ईमानदारी से अपनी तैयारी  करते रहें।

(Myths about UPSC)

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