इजराइल और फिलिस्तीन संघर्षो का इतिहास | HISTORY OF ISRAEL AND PALESTINE CONFLICT IN HINDI

विश्व इतिहास का अगर विश्लेषण करें तो पूरे विश्व मे ही संघर्षो का इतिहास बहुत पुराना रहा हैं। इंसान हड़प्पा काल से लेकर आज तक किसी न किसी कारण से युद्ध में व्यस्त रहा हैं। भले ही कारण बदलते रहे हो परंतु इतिहास गवाह है कि जब भी युद्ध हुए हैं मानव ने ही मानवता को कुचलने के प्रयास किया हैं। अपनी कुछ महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इंसान बार बार किसी न किसी कारण से युद्ध को जन्म देता है आ रहा हैं। HISTORY OF ISRAEL AND PALESTINE CONFLICT IN HINDI


हाल ही में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच फिर झड़पे शुरू हो गयी हैं। इजराइल फिलिस्तीन संघर्ष का इतिहास भी नया नहीं है , ये भी लगभग 100 वर्षो से चला आ रहा हैं। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्षो की शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1917 में घोषणा के कारण मानी जाती हैं। 1917 में उस समय ब्रिटिश विदेश सचिव आर्थर जेम्स बालफोर  ने बालफोर घोषणा ( Balfour Declaration ) की थी। जिसमे फिलिस्तीन में एक यहूदी राष्ट्रीय घर के निर्माण की बात की गई थी।

इस घोषणा में यहूदी राष्ट्रीय घर को ब्रिटेन का आधिकारिक समर्थन किया गया था। इस घोषणा में फिलिस्तीन में रह रहे गैर यहूदी समुदायों के अधिकारों के संबंध में कोई चिंता व्यक्त नहीं की गई थी। HISTORY OF ISRAEL AND PALESTINE CONFLICT IN HINDI


अरब क्षेत्र में निवास करने वाले लोगो मे ब्रिटेन को लेकर पहले ही कुछ मुद्दों पर असंतोष था। प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन ने अरब क्षेत्र को लेकर कुछ संधि की थी , बाद में ब्रिटेन उन्हें पूरा नही कर पाया था। इस घोषणा ने उनमें और अधिक असंतोष बढ़ाया।


ब्रिटेन अरब और यहूदियों के बीच हिंसा को समाप्त करने में असफल रहा। ब्रिटेन ने 1948 में फिलिस्तीन से अपने सुरक्षा बलों को हटा लिया। ब्रिटन ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) के समक्ष रख दिया । संयुक्त राष्ट्र तब एक नवनिर्मित संगठन था।
संयुक्त राष्ट्र ने स्वतंत्र यहूदियों और अरब राज्यो के लिए एक विभाजन योजना रखी। अधिकांश अरबो ने इस योजना पर असहमति प्रकट की।


वर्ष 1948 में स्वतंत्र इजराइल की घोषणा यहूदियों द्वारा की गई। इस घोषणा से नाराज़ अरब राज्यो ने इजराइल पर आक्रमण कर दिया । इस युद्ध में इजराइल ने अरब राज्यों के कुछ क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया ।

1948 में हुई इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच ओर ज्यादा हालात बिगड़ने लगे और संघर्ष भी तेज होने लगे।
वर्ष 1967 में सिक्स डे वार ( six day war ) हुआ। इस युद्ध के बाद इजराइल ने गोलन हाइट्स , पूर्वी जेरुसलम , और वेस्ट बैंक को अपने नियंत्रण में ले लिया ।

आगे चलकर हमास नामक संगठन का गठन मुस्लिम भाईचारे के नाम पर 1987 में किया गया था। इसका गठन फिलिस्तीन के प्रत्येक भाग पर मुस्लिम धर्म के विस्तार हेतु किया गया था। इसकी गतिविधियों में हिंसक जिहाद शामिल था। तब से लेकर आज तक उस क्षेत्र में तनाव बना ही रहता हैं।  

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दोनों देशों की माँगे – 

इजराइल 

 इजराइल जेरुसलम पर अपनी संप्रभुता की मांग करता हैं। इजराइल सम्पूर्ण विश्व से ये मांग करता हैं कि वो सभी इजराइल को एक यहूदी राष्ट्र के नाम पर मान्यता प्रदान करें।

फिलिस्तीन

फिलिस्तीन पूर्वी जेरुसलम को अपनी राजधानी बनाना चाहता हैं। फिलिस्तीन के वो लोग जो 1948 में अपने घर से बेघर हो गए थे। वो वापिस फिलिस्तीन आ सकें।फिलिस्तीन की मंग है कि इजराइल वेस्ट बैंक और गाज़ा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र को अनुमति प्रदान करें। फिलिस्तीन की यह भी मांग है कि इजराइल पहले की यथास्थिति बनाएं। और पूर्व की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित हो जाये। और अवैध विस्तार करना बंद करें।

 

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