क्या ये अल्पकालिक सफलता में दिया सम्मान दीर्घकालिक सफ़लता की गारंटी लेता हैं। Mera Bachpan Ka pyaar Viral Boy

 

अभी कुछ दिन पहले ही खिड़की पर बैठे हुए एक गाने की आवाज़ सुनायी दी । जिसे एक छोटा बच्चा गाता हुआ जा रहा था। वो गाना था कि मेरा बचपन का प्यार कहीं भूल नहीं जाना रे (Mera Bachpan Ka pyaar Viral Boy)।

आज कल ये गाना सब बच्चो का पसंदीदा गाना बन गया हैं।

तो दिमाग मे उस बच्चे का चित्र आया जो आज कल इस गाने की वजह से अल्पकालिक हीरो बन गया है । और शायद जिसे एक सफ़लता का एहसास अचानक से समाज ने करा दिया हो । शायद ये सफलता भी अल्पकालिक ही हो।
मैंने यहाँ अल्पकालिक हीरो या अल्पकालिक सफलता शब्द का प्रयोग किया । तो शायद कुछ लोगो को इससे आपत्ति भी हो। परंतु ये विचार करने वाली बात हैं।

आज कल एक बच्चा एक गाना गा कर बहुत लोकप्रियता प्राप्त कर चुका हैं।
परंतु अगर इस मुद्दे पर थोड़ा ध्यान से सोचे तो कुछ सवाल मन मे आते हैं।
जैसे कि जिन्होंने उसको सम्मानित किया हैं।
क्या सच में उसकी प्रतिभा का सम्मान किया गया हैं ??
या किसी ने अपनी TRP बढ़ाने हेतु या किसी ने अपना कैरियर बचाने के लिए या किसी ने अपना राजनीतिक हित साधने के लिए ऐसा किया हो ??

हम नहीं कह रहे कि ऐसा ही होगा , ये सोचना आपका , हमारा सबका काम हैं।

इसमे कही से भी उस बालक का थोड़ा सा भी दोष नहीं हैं। उसकी स्तिथियाँ ही ऐसी है कि वो हालात ज्यादा सोचने विचारने का अवसर ही नहीं देती है। और न ही इतने विकल्प होते है कि किसका चयन किया जाए और किसका नहीं।

परंतु इन सबमे एक सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिन्होंने उसको सम्मानित किया हैं। उनमें से किसी एक ने भी ये कहा कि उस बच्चे का एडमिशन किसी एक बड़े अच्छे स्कूल में करा देते हैं। उसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जिम्मेदारी किसी ने ली हो।

क्या किसी ने ये कदम उठाया कि उस बच्चे को संगीत की ही शिक्षा दी जाए जिससे वो भविष्य में भी इस क्षेत्र में कुछ उम्मीद रख सके।

अगर ऐसा किया है तो सच मे उसने असली तरह सम्मानित किया हैं । उस बालक को।

Mera Bachpan Ka pyaar Viral Boy को कब तक याद रखेगा समाज ? 

 

सवाल ये भी उठता है कि समाज कितने समय तक इस बच्चे को याद रखेगा। कितने समय तक इस बच्चें को समर्थन देकर इसको आगे बढ़ने में सहायक बनेगा।

आज सबसे जरूरी उस बालक के लिए क्या हैं ? वो है एक अच्छी शिक्षा प्राप्त करके इस समाज को समझने लायक बन सके, इस समाज मे इस लायक हो सके कि हमेशा के लिए अपने पैरों पर खड़ा हो सके।

परंतु जो सम्मान दिया गया शायद वो कही से भी एक पक्ष में ही सोच कर न किया गया हो । इसमे सम्मान करने वालो का भी कोई हित छुपा हो।

अतीत में भी ऐसे अनेक उदाहरण मौजूद है  जिनको  पहले तो सफलता का   एहसास कराया गया परन्तु कुछ समय बाद ही वो दुबारा उन्हीं विषम हालातो से मजबूर दिखाई दिए।  जिन विषम  हालातों से निकालने का गवाह यही समाज बना था।

सम्मान अल्पकालिक फायदा तो दे गया  क्या दीर्घकालिक फायदा भी देगा ? 

 

जो सम्मान मिला हैं अगर वह मात्र अल्पकालिक फायदे को ध्यान में रखकर दिया गया है तो ये सम्मान बच्चे के दीर्घकालिक सफलता या लक्ष्य को आवश्यक तौर पर प्रभावित करेगा।

हमें ये भी सोचना होगा कि ऐसा करके हमने कही शार्ट कट सफ़लता पाने को प्रचारित तो नहीं किया हैं। क्योकि इससे बच्चो का उस क्षेत्र में रुचि कम हो सकती हैं जिसमें शुरुआत में मेहनत और त्याग दोनों की आवश्यकता होती है परंतु भविष्य में एक स्थायी सफलता प्राप्त करने में सहायक होती हैं।

आज सोशल मीडिया का जमाना है प्रत्येक व्यक्ति समाज की नज़रों में तुरंत आना चाहता हैं। यही लालसा बच्चो में भी बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से कही न कही उनकी शिक्षा को भी प्रभावित करने का काम किया है। ऐसे में हमने उस बालक का इतना भव्य स्वागत करके , बच्चो में उस लालसा को ओर अधिक तो नही बढ़ा दिया हैं। देखिए किसी बच्चे को उसके काम के लिए प्रोत्साहित करना बिल्कुल अच्छी बात हैं, परंतु किसी को आधार रहित बड़े सपने मात्र दिखा देना। उसको बाद में सहायता या मार्गदर्शन न देना भी एक धोका ही हैं।

 

हो सकता है बच्चो को लगे कि जब सोशल मीडिया के माध्यम से अचानक से इतना प्रसिद्ध हुआ जा सकता है। इतने पुरस्कार प्राप्त किए जा सकते है तो क्यों न इसी काम को भी किया जाए। जो उनको भटकाने का काम भी कर सकता हैं।

कोई भी इंसान ये देख सकता है कि आज सोशल मीडिया में बच्चो के गाने और डांस सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा देखने को मिलते है।

कही ये उस शार्ट कट सफलता की लालसा तो नही ??

या क्या ये कम समय मे प्रसिद्ध होने की लालसा तो नहीं ??

जिस तेजी इस बच्चे के सम्मान का प्रसार समाज में हुआ हैं। इतना तेज प्रचार हमने किसी शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित बच्चे , रिसर्च के क्षेत्र में सम्मानित बच्चे , या किसी खेल के क्षेत्र के बच्चे का नहीं देखा हैं। इससे ये भी पता चलता है कि आज समाज भी किस प्रकार का स्वाद पसंद करता हैं।

यहाँ संगीत से समस्या नहीं है क्योंकि मानव सभ्यता का एक जरूरीऔर उत्तम भाग है संगीत। जिसका सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है।

जिस प्रकार संगीत मानव सभ्यता का अभिन्न अंग हैं। उसी प्रकार अन्य ज्ञान भी मानव सभ्यता को आगे बढ़ाने में सहायक हैं।
जिस प्रकार एक समाज का सही तरह से आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है कि सामाजिक संस्थाओं में सही तरह से संतुलन बनाया जाए। अगर किसी भी कार्य से असंतुलन उत्पन्न होता है तो लंबे समय के बाद ये असंतुलन अनेक समस्याओं को जन्म दे सकता हैं।

अतः समाज मे शीर्ष पर बैठे लोगों के लिए कोई भी काम करने से पहले ये विचार करना जरूरी होता है कि जो लोग हमारा अनुसरण कर रहे है । कही उनमें कुछ गलत संदेश तो नही जाएगा।

अतः अल्पकालिक सफलता , शार्ट टर्म सफलता को प्रचारित करने से बचना चाहिए।

अच्छा यही होगा कि उस बच्चे की दीर्घकालिक और स्थायी सफलता के लिए उसको उचित मार्गदर्शन दिया जाए। उसका सही दिशा में सहायक बना जाएं। अगर बड़े और अस्थायी सपने दिखा कर कुछ समय बाद उसे नजरअंदाज किया जाता है तो उसके लिए पूरा समाज ज़िम्मेदार होगा।

 

 

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