Strategy for success in competitive exam | प्रतिस्पर्धी परीक्षा में पास होने की रणनीति क्या हो ।
Strategy for success in competitive exam
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सबसे जरूरी होता है एक अच्छी रणनीति। कोई भी क्षेत्र हो चाहे शिक्षा , खेल या राजनीति सभी जगह एक उत्तम रणनीति बहुत जरूरी होती हैं।
आज के इस लेख में हम competitive exam में कैसे सफल हो उसके लिए कैसे रणनीति बनाएं उस पर चर्चा करेंगे।
ये एक ऐसा मुद्दा या विषय है जो तैयारी करने वाले प्रत्येक कैंडिडेट को जानना चाहिए। इस विषय में बहुत कैंडिडेट तो अच्छी सलाह ले लेते हैं । वही अनेक ऐसे कैंडिडेट भी होते हैं जिन्हें इस विषय मे ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती हैं।
अतः यहाँ अनेक सवालों जैसे कि –
परीक्षा में सफल कैसे हो ? परीक्षा में सफलता कैसे पाएं ?
किसी परीक्षा में सफल होने की सही रणनीति क्या हो ?
परीक्षा में सफ़लता के टिप्स |
How to prepare for competitive exam ?
Best strategy for competitive exam
ऐसे अनेक सवालों के जवाब देने का प्रयास किया गया हैं।
Strategy for success in competitive exam
Strategy for success in competitive exam
सबसे पहले ये जानना भी अत्यंत आवश्यक है कि रणनीति किसे कहते हैं।
रणनीति क्या हैं? What is Strategy?
किसी लक्ष्य को पाने के लिए बनाई गई योजना या योजनाओं के समूह को रणनीति कहते है।
रणनीति में एक योजना भी शामिल हो सकती है और कुछ योजनाओं का समूह भी। रणनीति भी लक्ष्य की प्रकृति के अनुसार बदलती रहती है।
यहाँ पर सभी परीक्षाओं को आधार बनाकर समय रणनीति पर चर्चा करेंगे जो सभी परीक्षाओं के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
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Strategy for success in competitive exam
यहाँ कुछ ऐसे आवश्यक तथ्यों पर चर्चा करेंगे जो किसी परीक्षा को पास करने के लिए जरूरी होते हैं।
1. परीक्षा की प्रकृति को जाने :-
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पहले सबसे जरूरी जो कदम होता है वो हैं परीक्षा की प्रकृति को जानना।
जब हम किसी लक्ष्य को निर्धारित करते है तो सबसे पहले उसके विषय मे सभी जानकारी लेते हैं। इसी प्रकार ये बहुत जरूरी हैं कि परीक्षा की प्रकृति को जाना जाए। इसके लिए सबसे पहले परीक्षा की विज्ञप्ति (Notification) को अच्छे से पढ़े। उसके बाद परीक्षा के सिलेबस को ध्यान और गहनता से पढ़े।
ऐसा करने से हमे ये ज्ञात होगा कि जिस परीक्षा की हम तैयारी करने वाले हैं उसकी माँग क्या हैं ?
अगर हम कही यात्रा करने जाते है तो उससे पहले यात्रा स्थल की पूर्ण स्तिथि जानने का प्रयास करते हैं। जिससे हम आवश्यक संसाधन जुटा पाएं।
उसी प्रकार विज्ञप्ति (Notification) और सिलेबस हमें आने वाले लक्ष्य की प्रकृति का बोध कराता हैं। जिससे हम उसके लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर सके ।
2. पुराने पेपर का विश्लेषण / Analyse old question papers :-
रणनीति का अगला महत्वपूर्ण कदम होता हैं कि पुराने सालों में जो भी पेपर आए हैं, उन्हें अच्छे से पढ़ा जाएं। ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जरुरी स्टेप हैं। इससे हमें परीक्षा में आने वाले प्रश्नों और परीक्षा के पैटर्न के बारे में पता चलता हैं।
जब अच्छे से प्रश्नों को पढ़ा जाएगा तो हमें पेपर के बारे में सही अनुमान मिल पाएगा। इससे हमें यह अनुमान लगता हैं कि किस टॉपिक में से किस प्रकार के सवाल आते हैं। कौन सा टॉपिक ज्यादा महत्व रखता हैं, और कौन सा कम महत्वपूर्ण हैं।
इससे हमें ये भी अंदाजा हो जाएगा कि किस टॉपिक में ज्यादा समय देना हैं। और किस टॉपिक में कम समय देकर भी काम चल जाएगा।
कुछ परीक्षाओं का सिलेबस ज़्यादा विस्तृत होता हैं जैसे कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ( UPSC Civil Service Exam) । ऐसे में ये मालूम होना अत्यंत जरूरी है कि क्या पढ़ा जाए और क्या छोड़ना हैं।
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3. ऑनलाइन और ऑफलाइन रिसर्च जरूरी :-
यह स्टेप भी अत्यंत मत्वपूर्ण है जिसमे हमे परीक्षा के विषय में थोड़ा रिसर्च करना चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन माध्यम और ऑफ लाइन माध्यम दोनों का प्रयोग कर सकते हैं।
ऑनलाइन माध्यम में अनेक भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सफ़ल अभ्यर्थियों के अनेक इंटरव्यू मौजूद हैं। जो परीक्षा के विषय मे जानकारी देते है। ऑनलाइन परीक्षा से संबंधित तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर या उनके फैकल्टी के भी इंटरव्यू मौजूद होते हैं ।
इसमें ध्यान ये रखना है कि किसी की भी रणनीति को बिल्कुल नहीं अपनाना हैं। सबकी रणनीति उनके अनुसार ही होती हैं।
आपको अपनी रणनीति खुद ही बनानी पड़ेगी क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति खुद में कुछ न कुछ विशेषताओं और कमियों के साथ होता हैं।
ऑफलाइन में आप किसी सफल कैंडिडेट या परीक्षा की तैयारी कराने वाले अध्यापक से मिल सकते है। उनसे परीक्षा पर विस्तृत चर्चा कर सकते हैं।
जरूरी नहीं कि कोचिंग में एडमिशन लेकर ही किसी शिक्षक की सलाह ली जाए। एक अच्छा शिक्षक ऐसे भी सलाह देने या चर्चा करने से कभी मना नहीं करेगा।
4. पढ़ने के source निर्धारित करना / study material :-
अब अगला स्टेप होता है कि पढ़ने के source का विश्लेषण करके उन्हें निर्धारित किया जाए।
इसके लिए हम सफल कैंडिडेट के कुछ इंटरव्यू सुन सकते हैं। उनसे मालूम चलेगा कि अधिकतर कैंडिडेट ने क्या source पढ़ा था। इससे कुछ स्टैण्डर्ड सोर्स के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
एक बार सोर्स निर्धारित करना अत्यंत आवश्यक होता हैं। अधिकतर विषयो के कुछ स्टैण्डर्ड source होते हैं । जिन्हें अधिकतर कैंडिडेट अपनाते हैं।
क्योंकि बार बार अलग अलग जगह से पढ़ना सही नही रहता हैं। बार बार पढ़े परंतु अगर कुछ निर्धारित सोर्स से पढ़ेंगे तो सही रहेगा।
5. समय सारिणी बनाना बहुत जरूरी / Time Table :-
टाइम टेबल बनाना परीक्षा की तैयारी हेतु]एक अत्यंत मत्वपूर्ण एवं बहुत जरूरी स्टेप हैं। इसमें दीर्घकालिक और अल्पकालिक (long term and short term) टाइम टेबल बनाना बहुत जरूरी हैं।
इसमें पहले तो ये निर्धारित करना है कि हमे पूरा सिलेबस कितने दिनों/या महीनों में पूरा करना हैं। मान लीजिये कि हमें कोई सिलेबस एक साल में पूरा करना हैं। अब एक साल के सिलेबस को महीनों में विभाजित ( divide) करना हैं।
महीनों के सिलेबस को भी हफ़्तों के अनुसार विभाजित करें।
उसके बाद हफ्ते के सिलेबस को भी दिनों के अनुसार विभाजित करना चाहिए।
समय सारिणी में revision को भी शामिल किया जाए। revision किसी भी परीक्षा की तैयारी में अहम योगदान देता हैं।
6. खुद के नोट्स बनाना भी जरूरी :-
अगर आप खुद के नोट्स बनाएंगे तो बहुत सही रहेगा । बाज़ार से किसी दूसरे के नोट्स खरीदना बहुत ज्यादा सही नही रहता हैं। क्योंकि सभी व्यक्ति अपनी विशेषताओं और कमजोरियों को ध्यान में रखकर ही नोट्स बनाते हैं।
अतः यही सही रहता है कि खुद के नोट्स बनाएं।
7. प्रैक्टिस भी बहुत आवश्यक :-
किसी भी परीक्षा की तैयारी में प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी होता हैं। इसके लिए भी कुछ समय जरूर निर्धारित करें। बिना प्रैक्टिस के ये नही पता चल पाएगा कि हमारी तैयारी कैसी चल रही हैं।
ये आमतौर पर कहा भी जाता है कि युद्ध से पहले जितना अधिक पसीना बहालोगे, युद्ध मे उतना ही कम पसीना बहेगा।
अतः परीक्षा से पहले जितनी अधिक प्रैक्टिस कर लोगे उतना ही फायदेमंद रहेगा।
प्रैक्टिस से परीक्षा की तैयारी के स्तर का भी अनुमान लग जाएगा।
अतः ये कुछ ऐसे टिप्स है जिन्हें किसी परीक्षा की तैयारी में अपनाना बहुत जरूरी होता हैं।
हमे यहाँ जानना होगा कि ये एक मात्र और अंतिम रणनीति नहीं हैं । प्रत्येक कैंडिडेट को अपनी रणनीति खुद बनानी चाहिए परंतु सभी को रणनीति बनाते समय इन टिप्स का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
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