डिजिटल बलात्कार ( Digital Rape in Hindi ) क्या हैं। बलात्कार से संबंधित कानूनी प्रावधान । What is Digital Rape and Punishment For Digital Rape in India 

 

 

देश के कुछ हिस्सों में जहाँ महिला सशक्तिकरण की आवाज सुनाई देती रहती है ,वह दूसरी ओर कुछ हिस्सों में प्रतिदिन महिलाओं के साथ होते दुर्वव्यवहार की घटनाएं भी आम बनी रहती है। ऐसे में अनेक प्रकार से महिलाओं को टारगेट करने का काम समाज मे रहने वाले विकृत मानसिकता के कुछ लोग करते रहते है। ऐसे ही विकृत मानसिकता वाले लोगो की वजह से आज कल एक शब्द सुर्खियों में बना हुआ है; वह है डिजिटल रेप ( Digital Rape in Hindi) ।

 

डिजिटल रेप क्या हैं ( What is Digital Rape in Hindi )

अंग्रेजी में डिजिटल से तात्पर्य होता है- अंक। वही हाथ की अंगुलियों , पैर की अंगुलियों , अंगूठे आदि को भी अंक कहते है। यदि कोई व्यक्ति किसी लड़की या महिला से इन अंगों से छेड़ छाड़ करता है तो उसे डिजिटल रेप कहते है।

सीधा सा मतलब है ।डिजिटल रेप में कोई भी शख्स अपने जनन अंग (Reproductive Organ) की जगह दूसरे अंगों जैसे उंगली, पैर की उंगली, अंगूठा आदि से यौन शोषण करता हैं।

 

बलात्कार से संबंधित कानून कितने कठोर( Punishment For Digital Rape in India)  

 

2012 में दिल्ली में हुए बलात्कार ने पूरे देश की आत्मा को हिला कर रख दिया था। जिसके बाद आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 पारित किया गया था। इसके तहत बलात्कार की परिभाषा को और अधिक व्यापक रूप प्रदान किया । इस अधिनियम ने दंड के प्रावधानों को भी ओर अधिक कठोर किया था।

आपराधिक कानूनों में सुधार तथा समीक्षा के लिए जस्टिस जे. एस. वर्मा समिति बनाई गई थी। इस संशोधन में जस्टिस जे. एस. वर्मा समिति के सुझावों को भी शामिल किया गया था।

  • इस अधिनियम ने यौन हिंसा के मामलों में कारावास की अवधि को बढ़ाया । जिन मामलों में पीड़ित की मौत हो जाये या उसकी अवस्था मृतप्राय हो जाये , ऐसे मामलों में मृत्युदंड का भी प्रावधान किया। इस संशोधन को ओर व्यापक रूप देते हुए इसे प्रावधान भी किये गए जिनमें बलपूर्वक किसी महिला के कपड़े उतारना ,यौन संकेत करना या देना , पीछा करना आदि को भी शामिल किया गया हैं।
  • सामूहिक बलात्कार के मामले में सज़ा को 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष या आजीवन कारावास कर दिया गया हैं।
  • अवांछनीय शारीरिक स्पर्श, शब्द या संकेत तथा यौन अनुग्रह (Sexual Favour) करने की मांग करना आदि को इस अधिनियम द्वारा यौन अपराध में शामिल किया गया।
  • एसिड अटैक से संबंधित ममलोमे सजा को बढ़ाया गया हैं। अब सज़ा दस वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कारावास में बदल दी गयी हैं।
    वही किसी लड़की का पीछा करने पर भी तीन वर्ष की सज़ा का प्रावधान है।

नाबालिगों के मामले में कानून:

जम्मू कश्मीर के कठुआ में 2018 में आठ साल की बच्ची के साथ निर्दयता की गई थी। बच्ची का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गयी थी।
उसके बाद आपराधिक कानून ( संशोधन ) अधनियम 2018 पारित हुआ था।

  • जिसमे यह प्रावधान किया गया कि 12 वर्ष से कम आयु की किसी बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में न्यूनतम 20 वर्ष के कारावास या मृत्युदंड की सज़ा का प्रावधान होगा।
  • वही इसके अनुसार एक अन्य प्रावधान किया गया जिसमें IPC में एक नया प्रावधान भी जोड़ा गया। जिसके द्वारा 16 वर्ष से कम आयु की किसी लड़की के साथ हुए बलात्कार के लिये न्यूनतम 20 वर्ष का कारावास तथा अधिकतम उम्र कैद की सज़ा हो सकती है।
  • IPC, 1860 के तहत बलात्कार के मामले में न्यूनतम सज़ा के प्रावधान को सात वर्ष से बढ़ाकर अब 10 वर्ष कर दिया गया है।

 

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